रांचीः
जस्टिस एस. एन. पाठक की कोर्ट में मंगलवार को सातवीं जेपीएससी से जुड़े एक अन्य मामले में सुनवाई हुई। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि जेपीएससी ने पीटी परीक्षा के दौरान कई नियमों की अवहेलना की है। उनके (omr sheet) पर परीक्षक का हस्ताक्षर ही नहीं है। इस पर कोर्ट ने जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल से पूछा कि क्या ओएमआर पर निरीक्षकों का हस्ताक्षर जरूरी है?
27 जनवरी को अगली सुनवाई
कोर्ट के सवाल पर अधिवक्ता ने इसे जरूरी नहीं बताया। इस पर कोर्ट ने उन्हें लिखित रूप में जवाब देने को कहा। यह सुनते ही जेपीएससी के अधिवक्ता कहने लगें कि मैं इस पर कन्फर्म नही हूँ, मैं रूल देखकर ही बता सकता हूं।
यह सुनकर कोर्ट ने अधिवक्ता से नाराज़गी जताई। बाद में जेपीएससी के अधिवक्ता ने इस पर क्षमा मांगी। मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी रखी गयी है।
जेपीएससी और राज्य सरकार से जवाब
सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले में जेपीएससी और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत कि ने कहा कि सरकार की ओर से उच्च अधिकारी और जेपीएससी के परीक्षा नियंत्रक की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा। इस संबंध में की पूर्णिमा कुमारी मिश्रा की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। उनके अधिवक्ता अरुण कुमार दुबे ने अदालत को बताया कि प्रार्थी भी सातवीं जेपीएससी की से प्रारंभिक परीक्षा में शामिल हुई थी। ओएमआर शीट पर परीक्षा केंद्र के निरीक्षक का हस्ताक्षर नहीं था।