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मुकदमे की निष्पक्ष जांच के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ता ने डॉक्टर के खिलाफ कोडरमा एसपी से की शिकायत

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द फॉलोअप टीम, रांची :  कोडरमा जिले में एक स्थानीय पत्रकार और चैनल के ऊपर चिकित्सक अधिकारी ने मुकदमा ठोक दिया है। चैनल ने एम्बुलेंस नहीं पहुंचने की वजह से एक प्रसूता की हुई मौत की खबर चलायी थी। यह मामला सतगावां थाने का है, जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्रमोहन कुमार ने पत्रकार प्रवीण कुमार और न्यूज चैनल ‘आरपी भारत’ के खिलाफ आइपीसी की धारा 186, 505, 34 समेत कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।

कोडरमा एसपी से की गई शिकायत
इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो, मुकदमे की निष्पक्ष जांच के लिए मानवाधिकार जन निगरानी समिति के झारखंड स्टेट कोऑर्डिनेटर ओंकार विश्वकर्मा ने 31 जुलाई को कोडरमा एसपी से शिकायत की। शिकायत पत्र में उन्होंने कहा है ‘एक पत्रकार का यह संवैधानिक अधिकार है कि वह संविधान के अनुच्छेद 21 के संरक्षण के लिए आम जनता की समस्याओं को प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से उठा सके। उन्होंने जल्द से जल्द डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

रिपोर्टिंग से बौखलाये डॉक्टर
पत्रकार प्रवीण कुमार ने बताया कि कोरोना काल में कई गांवों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों की दुर्दशा पर सतगावां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हालात पर रिपोर्टिंग की थी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  प्रभारी डॉ. चंद्रमोहन राय यहां अधिक समय नहीं देकर निजी क्लीनि‍क गीता देवी मेमोरियल अस्पताल में देते हैं। रिपोर्ट में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कैम्पस में स्थित आवासीय क्वार्टरों को डॉक्टर द्वारा भाड़ा पर लगाने से संबंधित खबर को भी फोकस किया गया था। संभवतः डॉक्टर  को यह नागवार गुजरा और वे बौखलाहट में उनके ऊपर मुकदमा दर्ज करवा दिया। 

‘बदनाम करने की नीयत से बनायी खबर’ 
डॉक्टर द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 22 जुलाई को कोडरमा जिले के सतगावां थानान्तर्गत मोचरामो गांव की रहनेवाली प्रसूता (20 वर्षीया) पिंकी देवी के आकस्मिक निधन पर सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में मुझे और स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करने की नीयत से एक सुनियोजित साजिश के तहत खबर प्रसारित की गयी है, जबकि वास्तव में पिंकी देवी की तबीयत खराब होने के मामले में स्वास्थ्य विभाग को पूर्व से किसी प्रकार की जानकारी नहीं थी। 

पत्रकार पर झूठा बयान दिलवाने का आरोप
डॉक्टर ने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि पत्रकार प्रवीण कुमार, वार्ड सदस्य तेजन राय, जयराम सिंह ‘बिहारी’ द्वारा सहिया केसरी देवी एवं एक अन्य महिला को डरा-धमकाकर दबाव देकर झूठा बयान दिलवाया है। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय पर एम्बुलेंस न मिलने की वजह से उसकी मौत 11:00 बजे होने की बात बतायी गयी, जबकि उसकी मौत सुबह 6 बजे ही हो चुकी थी। इस समाचार को ‘आरपी भारत’ चैनल में भी विस्तारपूर्वक प्रसारित किया गया, इसके कारण सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुई।

पत्रकार की साफगोई 
प्रवीण कुमार ने इस प्रकरण पर कहा कि 22 जुलाई को दिन के लगभग 11 बजे वार्ड सदस्य तेजनारायण राय और बिहारी सिंह का फोन आया। दोनों ने मुझे बताया कि मोचरामो गांव में एक प्रसूता की मौत हो गयी है। हमलोग सतगावां के स्वास्थ्य केंद्र में फोन करते रहे, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आयी। उन दोनों के फोन आने के बाद मैं उस गांव में गया, जहां सहिया केसरी देवी समेत कई लोगों ने बताया कि प्रसूता पिंकी देवी को सुबह 4 बजे से ही प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी थी, इसके बाद गांव के कई लोगों व सहिया ने भी सतगावां स्वास्थ्य विभाग को फोन कर एम्बुलेंस भेजने का अनुरोध किया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने मना कर दिया। फलतः गांव के कुछ युवा खाट पर ही टांग कर प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को लेकर अस्पताल के लिए निकल  पड़े, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

सूचना देनेवाले पर भी एफआईआर
पत्रकार ने बताया कि उन्होंतने सहिया केसरी देवी व एक और महिला की बाइट ली और न्यूज चैनल ‘आरपी भारत’ को भेज दी। यह समाचार 22 जुलाई की शाम चला, जिसे कई स्थानीय व्हाट्सएप्प ग्रुप में शेयर किया गया, लेकिन दो दिनों के बाद 24 जुलाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर चंद्रमोहन कुमार द्वारा प्रवीण को इस खबर की सूचना देनेवाले तेजनारायण राय, बिहारी सिंह, न्यूज चैनल ‘आरपी भारत’ के साथ उन पर भी एफआइआर करा दी गयी।