द फॉलोअप टीम, खड़गपुर
बिगड़ते मौसम में कई बार जब हमारी तबियत बिगड़ जाती है तो हमें सलाह दी जाती है कि गरमागरम चाय पीने की। वहीं आज के समय में चाय सभी की जरूरत है। आप किसी के यहां जाएं, स्वागत चाय से ही होता है। अब तो ग्रामीण इलाकों में भी चाय का प्रचलन बहुत बढ़ गया है। किसी से कोई चर्चा करनी हो तो चाय के साथ ही होती है। पर क्या आप घर के बाहर भी चाय पीते हैं? अगर हां तो यह खबर आपको चौंकाकर रख देगी। आईआईटी खड़गपुर ने प्रतिदिन पेपर कप में औसतन तीन बार चाय या कॉफी पीने पर बड़ा खुलासा किया है। आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के वैज्ञानिकों ने कहना है कि यदि एक व्यक्ति प्रतिदिन पेपर कप में औसतन तीन बार चाय या कॉफी पीता है, तो वह 75,000 छोटे सूक्ष्म प्लास्टिक (Micro-plastic) के कणों को निगलने का काम करता है।
जानिए कैसे करता है नुकसान
प्लास्टिक से सेहत को नुकसान होने के कारण प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है,जिसके बाद लोगों ने पेपर वाले कप में चाय पीना शुरू कर दिया है।पर शायद ही कोई जानता है कि डिस्पोजेबल पेपर कप (Disposable Paper Cups) में रखी जाने वाली चाय भी आपकी सेहत पर बुरा असर डालती है।रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कप के अंदर के स्तर में इस्तेमाल सामग्री में सूक्ष्म-प्लास्टिक और अन्य खतरनाक घटक मौजूद होते हैं और इसमे गर्म तरल पदार्थ परोसने के बाद पदार्थ में दूषित कण आ जाते हैं।वैज्ञानिकों का मानना है कि पेपर कप के भीतर आमतौर पर हाइड्रोफोबिक फिल्म की एक पतली परत होती है। इसे ज्यादातर प्लास्टिक (पॉलीथीन) और कभी-कभी सह-पॉलिमर से बनाने का काम किया जाता है।
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पूरी प्रक्रिया में कुल 15 मिनट का वक्त :
देश में पहली बार किए गए अपनी तरह के इस शोध के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया कि 15 मिनट के अंदर यह सूक्ष्म प्लास्टिक की परत गर्म पानी की प्रतिक्रिया में पिघल जाती है।रिसर्च के अनुसार एक पेपर कप में रखा 100 मिलीलीटर गर्म तरल (85-90 ओसी), 25,000 माइक्रोन-आकार (10 माइक्रोन से 1000 माइक्रोन) के सूक्ष्म प्लास्टिक के कण छोड़ने का काम करता है. इस पूरी प्रक्रिया में कुल 15 मिनट का वक्त लगता है।