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कर्तव्य निभाने वाले रियल हीरोज: किसी ने कोविड वार्ड को बनाया वर्क स्टेशन तो कोई बच्चे को पीठ पर लादे कर रही सेवा

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द फॉलोअप टीम, रांची:

कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर काम पर नहीं जाना चाहता। पर काम तो करना ही होता है। कई लोग वैसे भी हैं जिन्हें काम भी करना है और किसी की देखभाल भी करनी है। कुछ लोग इससे भाग जाते हैं। कई लोग वैसे भी होते हैं तो अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान होते हैं। परिस्थिति चाहे जो भी हो वे डटे रहते हैं और पूरी ईमानदारी से ड्यूटी निभाते हैं। 

कहानी की एक पात्र महिला और दूसरा पुरुष
फॉलोअप में पढ़िये ऐसे ही दो लोगों की कहानी जो अपने परिजनों के प्रति अपना फर्ज निभाने के साथ-साथ काम के प्रति कर्तव्य का भी पालन कर रहे हैं। ये दो कहानियां झारखंड की है। एक रांची जिला तो वहीं दूसरी कहानी कोडरमा की। एक कहानी का पात्र पुरुष है तो एक की महिला। 

Case 1: कोविड वार्ड की ही बना दिया वर्क स्टेशन
रांची के संदीप एक्का बिलासपुर में रेलवे कर्मचारी है। उनके पिता कोरोना संक्रमित हो गए। पिता की देखभाल के साथ उनका काम भी जरूरी था। पहले संदीप ने छुट्टी मांगी पर जब छुट्टी नही मिल पाई तो उन्होंने वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन चुना। ऐसे में उन्हें घर से ही काम की अनुमति मिल गयी। तब संदीप ने रिम्स में कोविड वार्ड को ही अपना वर्क स्टेशन बना लिया। उन्होंने अपना कंप्यूटर लाकर रख लिया। इससे वह काम भी कर लेते है और पिता की सेवा भी।

Case 2: बच्चे को साथ मे लाकर करती है काम
एक और कहानी कोडरमा के मरकच्चो की है, जहां एक नर्स 1 साल के बच्चे को अपने साथ लेकर आती है। नर्स का नाम संगीता खाखा बताया जा रहा है। वह एक पीठ पर बच्चे को बांध कर रखती है। दूसरी तरफ लोगों को कोरोना टीका लगा रही है। संगीता मरकच्चो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे नर्स हैं। उसकी ड्यूटी कोविड वार्ड में है। संगीता अपने बच्चे की जान को खतरे में डालकर भी संक्रमितों की सेवा कर रही है। संगीता ने बताया पति आईआरबी में है। मां घर में बीमार है। उसे अपने बच्चे को साथ में लाना पड़ता है।