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अगर आप सोशल मीडिया के चंगुल में हैं तो बचाएं मन-मस्तिष्क अपना

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डॉ. अबरार मुल्तानी, भोपाल:

सोशल मीडिया में हर पोस्ट  ऐसा ही असर दिखाती है जैसे कि ठहरे हुए पानी में फेंका गया कंकड़। हर कंकड़ लहर और हिलोरें पैदा करेगा ही चाहे उसे बहुत कम लोग लाइक करें या पढ़कर इग्नोर कर दें। एक सेकंड पर सोशल मीडिया (फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम) पर लाखों और करोड़ों की संख्या में पोस्ट और तस्वीर शेयर की जाती हैं। एक पोस्ट दूसरे को प्रभावित करती है। हम सब जुड़ गए हैं बहुत ही विचित्र तरीके से। अब कोई भी व्यक्ति तालाब में पत्थर फेंक कर हमारे विचारों में लहर उत्पन्न करता है और हम सब उसी के बहाव में बहने लगते हैं। पत्थर जितना बड़ा होगा हिलोर उतनी ज्यादा शक्तिशाली होगी और बहाव और बहकावा उतना ही ज्यादा प्रबल। प्रभावशाली मीडिया, नेता, पार्टियां यही पत्थर फेंकने का काम कर रही हैं। यह मस्तिष्कों को नियंत्रित करने की अद्भुत और घातक चाल है। हम वही सोच रहे हैं जो हमें सोचने के लिए बताया जा रहा है। चतुर नेता, धूर्त कॉरपोरेट घरानें, बेइमान मीडिया हाउसेस पूरी दुनिया को भेड़ों के रेवड़ की तरह हांक रहे हैं और हम सब मोबाइल फोन में मुंह नीचा करके बस बढ़े जा रहे हैं... गड्ढे की तरफ...बहुत गहरे और अंधेरे गड्ढे की तरफ। 

 

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सोशल मीडिया हर लाइक पर हमें सेलेब्रिटी होना महसूस करवाता है। सेलेब्रिटीज़ के लिए सबसे दुःखदाई पता है क्या होता है दोस्तों? हां, गुमनाम हो जाना। गुमनामी का यह डर अब हर छोटे बड़े सोशल मीडिया सेलेब्रिटीज़ को सताने लगा है और उसके चलते वे हर रोज़ कुछ ना कुछ पोस्ट करते हैं। लाइक की भूख उन्हें सनसनी रचने के लिए प्रेरित करती है और वे इस सोशल मीडिया के तालाब में पत्थर फेंक फेंक कर पूरी दुनिया में भूचाल मचा रहे हैं।

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आप सोशल मीडिया का उपयोग निःसंदेह भरपूर कीजिए लेकिन यह हर बार चेक करलें कि कहीं आप नियंत्रित तो नहीं किये गए हैं? आपका मस्तिष्क किसी और के कब्जे में तो नहीं है? आपको भेड़ों की तरह हाँका तो नहीं जा रहा है? अगर आप दुनिया को अच्छा बनाने के लिए पोस्ट कर रहे हैं तो आगे बढ़िए... और यदि दुनिया को खराब कर रहे हैं, उसे अस्थिर और अशांत कर रहे हैं तो फिर उसे अभी बंद कर दीजिए। आइये दुनिया को बेहतर और शांत बनाएं... अपने मस्तिष्क को स्वतंत्र रखते हुए।

 

 

(डॉ. अबरार मुल्तानी भोपाल में रहते हैं। आप आयुर्वेद और देशी स्वास्‍थ्‍य -चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञ हैं। मनोवैैैैैैज्ञानिक भी हैं। क्‍यों अलग है स्‍त्री-पुरुष का प्रेम, मन के लिए अमृत की बूंदें, मन के रहस्य, 5 पिल्स समेत उनकी दर्जनों किताबें प्रकाशित हैं। आपके वीडियो भी बहुत देखे जाते हैं।)

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। द फॉलोअप का सहमत होना जरूरी नहीं। हम असहमति के साहस और सहमति के विवेक का भी सम्मान करते हैं।