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शहीद SPO आसिफ हुसैन मलिक की वीरता की कहानी जिन्हें मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

जम्मू-कश्मीर के एसपीओ आशिक हुसैन मलिक को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। आशिक हुसैन मलिक को मरणोपरांत इस सम्मान से नवाजा गया। शहीद आशिक हुसैन मलिक के माता-पिता शहजादो बानो और मकबूल मलिक ने ये पुरस्कार ग्रहण किया। आशिक हुसैन मलिक 2018 में ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गये थे। 

अनंतनाग में पोस्टेड थे शहीद आसिफ हुसैन
गौरतलब है कि आसिफ हुसैन मलिक जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में विशेष पुलिस बल में तैनात थे। 21 जून 2018 को सूचना मिली की गांव के एक मकान में कुछ आतंकी छिपे हैं। आतंकियों की तलाश के लिए राष्ट्रीय राइफल्स और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया। इस दरम्यान आतंकियों ने घेराबंदी तोड़ने की कोशिश में भारी गोलीबारी की। आतंकी जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग कर रहे थे। 

आतंकियों की फायरिंग के बीच झोंक दिया खुद को
आतंकियों की फायरिंग के बीच आसिफ हुसैन मलिक ने तय किया कि वे एक घातक टीम का नेतृत्व करेंगे। वे आतंकियों की टोह लेते हुए अपनी टीम के साथ उनके काफी करीब पहुंच गये। काफी नजदीक से आरिफ हुसैन मलिक की टीम और आतंकियों के बीच आमने-सामने की फायरिंग हुई। आसिफ को गोलियां लगी। वे गंभीर रूप से घायल हो गये लेकिन आतंकियों को घेराबंदी तोड़ने नहीं दी। अंतत आसिफ हुसैन मलिक शहीद हो गये। 

अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया था
आसिफ हुसैन मलिक ने उस ऑपरेशन के दौरान अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया। उनकी सूझबूझ और वीरता की बदौलत चारों आतंकियों को मार गिराया गया। भारी मात्रा में गोला-बारूद भी बरामद किया गया। आसिफ हुसैन मलिक की वीरता और बलिदान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित करने का फैसला किया।