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JPSC के भ्रष्टाचार को जस्टिफाई कर रहे हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, BJP प्रवक्ता ने साधा निशाना

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड प्रदेश बीजेपी ने आज मुख्यमंत्री के बयान पर कड़ा हमला बोला। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आज पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जेपीएससी पीटी परीक्षा को मुख्यमंत्री द्वारा क्लीन चिट दिया जाना राज्य के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री का बयान यहां के प्रतिभावान विद्यार्थियों को हताश और निराश करने वाला है।

जेपीएससी पीटी परीक्षा में हुई है धांधली!
शाहदेव ने कहा कि झारखंड लोकसेवा आयोग द्वारा 7वीं से 10वीं तक की पीटी परीक्षा में भ्रष्टाचार पूरी तरह उजागर हुआ है। आयोग ने अभ्यर्थियों एवम भाजपा के द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वयं पुष्टि भी की है। उन्होंने कहा कि उसी का परिणाम है कि 49 ओएमआर सीट नही मिलने के कारण उतीर्ण अभ्यर्थियों को अनुतीर्ण किया गया। मुख्यमंत्री जी से जेपीएससी पीटी में हुए भ्रस्टाचार की जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी कराने की उम्मीद थी ,परंतु उन्होंने इसे दूसरे दिशा में मोड़ने की कोशिश की है।

राज्य की युवा शक्ति न्याय मांग रही है! 
प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि राज्य की युवाशक्ति न्याय के लिए संघर्ष कर रही है जिन पर सरकार लाठियां बरसा रही है। लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर भी हमला बोला जा रहा। आंदोलनरत छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा जैसे वे आतंकवादी हों। रात के अंधेरे में जबरन उठाकर ले जाना ये कौन सा न्याय है। उन्होंने कहा कि भाजपा भी चाहती है कि राज्य के आदिवासी मूलवासी प्रतिभावान छात्रों की नियुक्ति हो परंतु इसमे तो वैसा नही दिख रहा। गरीब और प्रतिभावान आदिवासी मूलवासी छात्रों को नौकरी से वंचित रखने की साजिश की जा रही। 

बीजेपी सरकार में कई लाख नियुक्तियां हुईं! 
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में लाख से अधिक नियुक्तियां हुई थी जिसमे 90 प्रतिशत आदिवासी मूलवासी छात्र थे। कहा कि भाजपा ने मेडिकल कॉलेज में  भी पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सहायक पुलिसकर्मियों में 100 प्रतिशत, पंचायत सचिव में 90 प्रतिशत, होमगार्ड में 100 प्रतिशत ,स्वच्छता मिशन में भी अधिकांश आदिवासी मूलवासी अभ्यर्थी है फिर सरकार उन्हें क्यों प्रताड़ित कर रही है। कहा कि राज्य के 32 लाख किसान तो यही के मूलवासी है फिर कर्ज क्यों माफ नही हुआ, आदिवासी मूलवासी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता से क्यों वंचित रखा गया।

एक भी विज्ञापन नहीं निकाल सही है सरकार
उन्होंने कहा कि जेपीएससी और जेएसएससी के अध्यक्ष पद क्यों वैसे लोगों से भरे गए जो केवल नौकरी के नाम पर झारखंड आये थे। यहां पर आदिवासी मूलवासी प्रेम कहां गया। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि नियुक्ति वर्ष का अंतिम महीना के भी 19 दिन गुजर चुके हैं परंतु सरकार अब तक कोई विज्ञापन नही निकाल सकी है। प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक भी उपस्थित थे।