द फॉलोअप डेस्क
प्रोजेक्ट भवन में हो रही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक समाप्त हो गई है। इसमे कुल 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि झारखंड खनिज विकास निगम के अध्यक्ष का पद राजनीतिक व्यक्ति के बजाय खान सचिव के लिए पदेन कर दिया गया है। इससे अब झारखंड खनिज विकास निगम का अध्यक्ष पद खान सचिव द्वारा ही संभाला जाएगा। इसके साथ ही निगम के एमडी का पद भी खान निदेशक के लिए पदेन कर दिया गया है।
इसके अलावा, एक और अहम फैसले में राज्य सरकार ने राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की 35 सहायक शिक्षिकाओं को फिर से सेवा में रखने का निर्णय लिया है। इन शिक्षिकाओं को अनियमितता के आधार पर सेवा से हटा दिया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें सेवा में बहाल किया जाएगा और उन्हें पेंशन सहित अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।
झारखंड नगर पालिका संवेदक नियमावली में संशोधन किया गया है, जिसके तहत अब नगर विकास एवं आवास विभाग में ठेका लेने वाले संवेदकों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा।
खन एवं खनिज से जुड़े अधिनियम 1957 में भी संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत अवैध माइनिंग से जुड़े मामलों में खान निदेशक, जिला खनन पदाधिकारी और अन्य अधिकारियों को शक्तियां दी गई हैं। पहले यह शक्तियां राज्य सरकार के पास थीं।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के पदों को पुनर्गठित किया गया है। 6 पदों को समाप्त किया गया है, वहीं 36 नए पदों का सृजन किया गया है। इससे राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 24 करोड़ रुपये का लाभ होगा।
राज्य के कारागृहों में चिकित्सकों की नियुक्ति का अधिकार अब स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया गया है।
आधार इनरोलमेंट के नए मॉडल को लागू करने के लिए एकरारनामा के प्रारूप पर कैबिनेट की स्वीकृति दी गई है।
ओला, उबर जैसे गिग वर्कर्स के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन करने और उनके प्रोटेक्शन के लिए विधेयक लाने का निर्णय लिया गया है। इस विधेयक में गिग वर्कर्स के लिए एक परिषद का गठन किया जाएगा, जो उनके ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, कल्याण कार्यों और अन्य सुविधाओं के लिए जिम्मेदार होगी।
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