logo

झारखंड कांग्रेस ने किया लॉकडाउन का स्वागत, कहा- जीवन के साथ जीविका बचाना जरूरी

7601news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची: 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में 1 सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने इस फैसले का स्वागत किया है। वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि जीवन के साथ जीविका को बचाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के अनुपालन का फैसला स्वागतयोग्य है। उन्होंने कहा कि सबको इसका पालन करना चाहिए। 

आर्थिक नुकसान का आकलन किया जाएगा
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि फैसले से कितना आर्थिक नुकसान होगा, इसका आकलन बाद में किया जाएगा। फिलहाल लोगों का जीवन बचाना और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। वित्तमंत्री ने कहा कि प्रवासी श्रमिक वापस लौटने लगे हैं। उनको रोजगार उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य के अलावा सबको भोजन उपलब्ध करवाना भी अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में दीदी किचन, मुख्यमंत्री किचन और डोर-टू-डोर राशन वितरण जैसे कदम उठाए जाएंगे। 

महामारी की विभत्सता के लिए केंद्र जिम्मेदार
डॉ. रामेश्वर उरांव के लिए मुश्किलों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहती तो तीन-चार महीने में बेड, वेंटिलेटर, इंजेक्शन, ऑक्सीजन, दवाईयों और कोरोना का टीका पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवा सकती थी लेकिन, ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने टीकाकरण में भी कमियां गिनाईं। 

वैक्सीनेशन अभियान में तेजी की जरूरत है
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देशों में कोरोना महामारी पर नियंत्रण पाया जा सका क्योंकि वहां युद्धस्तर पर कोरोना का टीका लगाया गया। उन्होंने कहा कि यदि हमारे देश में भी समय पर लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया होता तो महामारी का ऐसा विभत्स रूप देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही मांग करती रही कि वैक्सीनेशन की उम्र सीमा 45 से कम करके 18 वर्ष की जाए लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। 

सीमित संसाधनों की बदौलत जंग जारी है
डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि झारखंड सरकार अपने सीमित संसाधनों की बदौलत कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। निजी हॉस्पिटल को आगाह किया गया है कि विपत्ति को संपत्ति बनाने का जरिया ना बनाएं। ये वक्त संवेदनशीलता से लोगों की भलाई करने का है। डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि यदि केंद्र सरकार इजाजत देगी को बांग्लादेश से दवाईयां खरीदी जाएंगी।