logo

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बेटी अंजनी सोरेन गिरफ्तार, जानिए! पूरा मामला क्या है

12063news.jpg

द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो शिबू सोरेन की बेटी और ओड़िशा में पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष अंजनी सोरेन को गिरफ्तार किया गया है। अंजनी सोरेन सहित झारखंड मुक्ति मोर्चा के अन्य नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया है। इन सबकी गिरफ्तारी राउरकेला से की गई है। सुंदरगढ़ जिला प्रशासन ने इनको गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण का विरोध करने के मामले में इनकी गिरफ्तारी की गई है। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने इसकी निंदा की है। 


मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बहन से बात की
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस संदर्भ में अपनी बहन से बातचीत की और ओड़िशा सरकार के पुलिस प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई है। सुंदरगढ़ जिले के राजगंगापुर व कुत्रा ब्लॉक में जिंदल और ओसीएल कंपनी द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और कार्यकर्ता प्रदेश अध्यक्ष अंजनी सोरेन की अगुवाई में इसका विरोध कर रहे थे। पुलिस ने मामले में अंजनी सोरेन के अलावा पूर्व विधायक सह राज्य कोषाध्यक्ष प्रह्लाद पूर्ती, झामुमो केंद्रीय कमिटी सदस्य पवन सिंह, लेथा तिर्की, मयूरभंज जिला उपाध्यक्ष पार्वती पूर्ति सहित कई अन्य लोगों को राउरकेला के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया। खबर लिखे जाने तक सब थाने में थे। 

प्रशासन और झामुमो नेताओं के बीच बहस
मिली जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के दौरान पुलिस पदाधिकारी औऱ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं भी हुई। कहा जा रहा है कि झामुमो नेताओं की गिरफ्तारी से सुंदरगढ़ जिले के मूलवासियों और आदिवासियों में गहरा असंतोष है। झामुमो सुंदरगढ़ जिला कमेटी ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। कहा है कि पार्टी राजगंगापुर तथा सुंदरगढ़ जिले में जमीन अधिग्रहण का विरोध करती है और आगे भी जिले में प्रशासन द्वारा किए जा रहे जमीन अधिग्रहण का विरोध करती रहेगी। 

सरकार जबरन अधिग्रहण करना चाहती है! 
एक दैनिक हिंदी अखबार से बातचीत में अंजनी सोरेन ने कहा कि पांच पंचायतों में सरकार जबरन जमीन का अधिग्रहण करना चाहती है। इसका पूरजोर विरोध किया जाता रहेगा। ओड़िशा सरकार ने पहले भी जमीन अधिग्रहण के विस्थापितों को पूरा मुआवजा नहीं दिया। घटना की जानकारी मेरे भाई और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दी। जरूरत पड़ी तब हेमंत सोरेन भी यहां के आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई की काफी निंदा की।