द फॉलोअप टीम, रांची, रांची :
दिवगंत पत्रकार बैजनाथ महतो के निधन पर बुधवार को झारखंड राज्य श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की ओर से शोक सभा का आयोजन किया गया। पत्रकारों ने माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर बैजनाथ महतो को श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा के बाद सुनील सिंह की अध्यक्षता में एक सभा की गयी। वहीं बतौर मुख्य अतिथि संपादक संजय मिश्रा ने कहा कि अब परिस्थितियां ऐसी बन गयी हैं कि हम सब एकजुट हों, ताकि पत्रकार हित में मजबूती से खड़ा हो सके। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का समाज हाशिए पर है। हम लोगों को हाशिए पर रहने वाले लोगों के साथ रहना चाहिए। जो लोग हाशिए पर रहते हैं, वह कभी धोखा नहीं देते। संजय मिश्रा ने कहा कि हम लोगों ने अपने सहयोगी बैजनाथ महतो को खोया है। कहीं ना कहीं इसमें व्यवस्था का भी दोष है।
बैजनाथ की मौत ने एकजूट होने का अवसर दिया है
सुनील सिंह ने कहा कि बैजनाथ के साथ जो हुआ, वो एक हादसा था, लेकिन हादसे के बाद व्यवस्था की लापरवाही ने बैजनाथ की हत्या कर दी। हमलोगों ने अपना साथी खोया है, लेकिन बैजनाथ ने अपनी शहादत देकर हमलोगों को एकजुट होने का मौका दिया है। इस मौके पर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष पिंटू दूबे, कुमुद रंजन, रुचि शर्मा, मनीष झा, मनोज पाठक, मोइजउद्दीन, दीपक उरांव, कौशिक राज, अमित सिंह, उद्द्यम पांडेय, संजीत झा, सुनील पोद्दार, विनय सिन्हा के साथ सामाजिक संगठन के सदस्यों में राजेश यादव, अजय सिंह, सुशांतो मुखर्जी, अलोका, अजहर मलिक, रत्न तिर्की, फादर महेंद्र, पीके पांडेय सहित कई अन्य मौजूद थे।
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बने
सीपीआई नेता भुनेश्वर महतो ने कहा कि दिवंगत पत्रकार बैजनत महतो और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना है। बैजनाथ महतो के परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य की मृत्यु हुई है। उनकी मृत्यु से परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो गया है। मेरी सरकार से मांग है कि बैजनाथ महतो के परिवार के भरण पोषण के लिए सरकार एक से दो दिनों के अंदर 25 लाख रुपये मुआवजा की घोषणा की जाए ताकि उनका परिवार फिर से खड़ा हो सके। आज राज्य में चौथे स्तम्भ पर जिस तरह से हमला हुआ है यह सरकार के लिए चिंता का विषय है। इस विषय पर भी सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बने।