द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कंगना रनौत और विवादों का जैसे अब एक गहरा रिश्ता बनता जा रहा है। अपने बयानबाजी के कारण अभिनेत्री अक्सर चर्चा में रहती हैं। अभी उनका आजादी वाले बयान का मामला थमा भी नहीं था, कि कंगना ने सोशल मीडिया पर एक और विवादित बयान जारी कर दिया है। कंगना ने इस बार महात्मा गांधी को निशाने में लिया है, और सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर किया है। एक पोस्ट में उन्होंने गांधी को सत्ता का लालची और चालाक बताया और दूसरे पोस्ट में उन्होंने लिखा कि महात्मा गांधी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो।
दूसरा गाल आगे करने से 'भीख' मिलती है
दरअसल कंगना ने गांधी के अहिंसा का मजाक उड़ाते हुए कहा कि दूसरा गाल आगे करने से 'भीख' मिलती है न कि आजादी। कंगना ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को उन लोगों ने अंग्रेजों के हवाले कर दिया, जिनमें लड़ने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन वे सत्ता के भूखे थे। उन्होंने आगे कहा, "ये वही हैं जिन्होंने हमें सिखाया है कि अगर कोई एक थप्पड़ मारे तो एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल दे दो और इस तरह आपको आजादी मिलेगी। इस तरह से किसी को आज़ादी नहीं मिलती, ऐसे भीख ही मिल सकती है। अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें।
भगत सिंह को फांसी हो
आगे उन्होंने कहा, ‘गांधी ने कभी भी भगत सिंह या सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया…सबूत है कि गांधी जी चाहते थे की भगत सिंह को फांसी हो…तो आपको यह चुनने की ज़रूरत है कि आप किसका समर्थन करते हैं…। इसके बाद महात्मा गांधी और भगत सिंह के आपसी रिश्ते पर बात हो रही है। ऐसे में जानते हैं कि आखिर महात्मा गांधी भगत सिंह को लेकर क्या सोचते थे। हम आपको गांधी की ओर से लिखे एक लेटर के जरिए बता रहे हैं कि गांधी, भगत सिंह को लेकर क्या सोचते थे।
पहली बार नही हुआ है ऐसा
हालांकि यह पहली बार नही है जब गांधी जी को लेकर विवादित बयान दिया गया हो। इससे पहले भी भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' करार दे दिया था। कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ सीट से बीजेपी सांसद अनंत हेगड़े ने 2020 में महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम को बनावटी बता दिया था। उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने कहा था, 'सुभाष चंद्र बोस को समय से पहले ही मौत के गाल में भेज दिया गया था। मेरा आरोप है कि कांग्रेस ने ही सुभाष चंद्र बोस की हत्या कराई। बोस की लोकप्रियता के आगे पंडित नेहरू तो कहीं ठहरते ही नहीं थे। महात्मा गांधी भी उनकी लोकप्रियता के आगे कहीं नहीं ठहरते थे।' हरियाणा सरकार में मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल विज ने कहा था कि गांधी का नाम जुड़ने से खादी की दुर्गति हुई थी और अब धीरे-धीरे नोटों से भी गांधी हटेंगे।