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बिहार में लालू की जन सभा: तेवर वही, कटाक्ष वही, तालियों का मिला ताल वही

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द फॉलोअप टीम, पटना: 
बिहार उपचुनाव में लालू यादव की एंट्री हो गयी है। लगभग तीन साल बाद वे चुनावी समर में उतरे हैं। तारापुर में सभा को संबोधित करते हुए आज उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। लालू यादव ने क्या कहा, बो बताते हैं, लेकिन उससे पहले इस सभा पर थोड़ी बात कर लेते हैं।तारापुर और कुशेश्वर स्थान की सीटों पर सभी पार्टियां जोर लगा रही हैं। इस बीच लालू की सक्रियता ने बिहार की जनता और खासकर राजद समर्थकों के अंदर जान फूंक दी है। लगभग यही महौल तारापुर में देखने को मिला। लालू के हर शब्द पर वहां मौजूद लोगों मे जमकर तालियां पीटी, हर शब्द का स्वागत किया। लालू ने पहली बार गले में हरा रंग का पट्टा और माथे पर हरे रंग की टोपी पहन रखी थी। 

अपनी विरासत को तेजस्वी के हाथों आगे बढ़ते देखने का कॉन्फिडेंस ही था, जो उन्होंने कह दिया कि तेजस्वी ने नीतीश का कचूमर निकाल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम काहे गोली मारेंगे, तुम खुद ही मर जाओगे। दरअसल नीतीश कुमार ने कहा था कि आप चाहें तो हमे गोली मरवा दीजिए, जिसके जवाब में लालू ने या बात कही। लालू ने कहा कि बिहार में चूहे शराब पी जाते हैं। फिर उन्होंने पूछा कि किसने कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने वाले के साथ रहेंगे। कहां है विशेष राज्य का दर्जा। किसने कहा था कि मिट्टी में मिल जाउंगा, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाउंगा। 

इन सभी बातों पर जोरदार शोर होता रहा और लोगों ने लालू का तारापुर में स्वागत किया। भाषण लंबा था, लालू ने काफी कुछ कहा। मंच पर तेजस्वी भी मौजूद थे। लालू के बिहार राजनीति में एंट्री से काफी कुछ और भी बदला है। नाराज चल रहे तोजप्रताप को भी लालू ने मनाया। डेढ़ घंटे तक उनकी शिकायत सुनी। फिर उन पोस्टरों को हटवाने का निर्देश दिया, जिनमें तेजप्रताप की तस्वीर नहीं थी। तेज प्रताप भी मान गए हैं। वे तारापुर और कुशेश्वर स्थान में प्रचार प्रसार के लिए भी जाएंगे। 

कांग्रेस को लेकर भी लालू ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने उन्हें फोनकर उनका कुशल क्षेम पूछा है। लालू ने सोनिया से कहा कि आपकी पार्टी अखिल भारतीय पार्टी है। इसलिए समान विचारधारा की पार्टियों के लिए आपकी पार्टी मजबूत विकल्प है। आपको ऐसी तमाम पार्टियों की एक बैठक बुलानी चाहिए। सनद रहे कि दोनों सीटों पर कांग्रेस और राजद गठबंधन में होते हुए भी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। बरहाल बिहार में दो सीटों पर उपचुनाल कई मायनों में महत्वपूर्ण है। देखना यह है कि आज लालू की सभा में जो जनसैलाब देखने को मिला, उसका इस चुनाव पर क्या असर पड़ता है। 30 अक्टूबर को मतदान है और 2 नवंबर को परिणाम।