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अभ्यर्थियों ने JPSC पर साधा निशाना, कहा- गड़बड़ी करने वाला ही इसकी जांच कैसे कर सकता है! 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

शनिवार को झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के द्वारा मोरहाबादी मैदान की बापू वाटिका में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। शनिवार को आंदोलन का 41वां दिन था। गौरतलब है कि जेपीएससी पीटी परीक्षा का परिणाम जारी होने के 41 दिन बाद आयोग द्वारा पीटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले 57 अभ्यार्थियों को बाहर किया गया है। इसी आलोक में अभ्यर्थियों ने आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी का पुतला फूंका। नारेबाजी भी की। इनका कहना था कि यदि गड़बड़ी नहीं हुई तो इस कदम का क्या मतलब है। 

आखिर क्यों 57 अभ्यर्थियों का परिणाम किया रद्द! 
झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो और महासचिव मनोज यादव ने कहा कि आंदोलन के फलस्वरूप आयोग को कट जारी करना था। अब आंदोलन के ही दबाव से गड़बड़ी के तहत सेटिंग से पास करने वाले 57 छात्रों को आंदोलन के 41 दिन बाद बाहर करना पड़ा। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर जारी नोटिस में यह भी कहा है कि 249650 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। लगभग 5 लाख ओएमआर शीट जांची गई। छात्र नेताओं ने आयोग को घेरते हुए कहा कि अगर सबकी ओएमआर शीट जांची गई होती तो कटऑफ से कम अंक लाने वाले छात्रों को कैसे पास कर दिया जाता। भारी गड़बड़ी हुई है। 

ओएमआर सीट सार्वजनिक नहीं करना गलत! 
अभ्यर्थियों ने कहा कि आंदोलन इतना लंबा चल चुका है। आंदोलन के दौरान कंडिका-30 में ओएमआर शीट को सार्वजनिक करने की मांग की गई। इसके बावजूद इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना दर्शाता है कि परीक्षा और रिजल्ट में भारी गड़बड़ी की गई है। गौरतलब है कि आयोग ने 1 नवंबर से ही कमिटी बनाकर जांच की बात कही थी। इसके जवाब में छात्र नेताओं ने कहा कि आयोग मामले की लीपा-पोती में लगा है। जांच कमिटी नहीं बनाई गई। आयोग गलती छुपाने का प्रयास कर रहा है। यदि सच में कमिटी बनी है तो आयोग के साथ वार्ता करने गये प्रतिनिधिमंडल को सूचित क्यों नहीं किया गया। बेवसाइट पर भी इसकी जानकारी नहीं है। 

गड़बड़ी करने वाला कैसे करेगा इसकी जांच! 
अभ्यर्थियों ने कहा कि आयोग खुद की गड़बड़ी की जांच खुद कर रहा है। छात्र नेता ने कहा कि पीटी परीक्षा में भारी गड़बड़ी हुई। बिना कॉपी जांचे रिजल्ट घोषित किया गया। परीक्षा में शामिल नहीं होने वाले छात्रों को भी पास कर दिया गया। छात्रों को जो कॉपी दी गई उसकी सील पहले ही खोल दी गई थी। परीक्षा को रद्द किया जाना ही न्याय-संगत होगा। अभ्यर्थियों ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की। कहा कि परीक्षा दोबारा पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ भ्रष्टाचार मुक्त किया जाये। 13 दिसंबर को हजारीबाग में भी 1 दिवसीय धरना की बात कही गई है। 15 दिसंबर को रांची के मोरहाबादी मैदान में छात्रों का महाजुटान होगा।