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फेक टीआरपी मामले में मुंबई पुलिस ने की चार्जशीट दाखिल, रिपब्लिक टीवी के अधिकारी भी शामिल

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द फाॅलोअप टीम, मुंबई 
मुंबई पुलिस ने पिछले महीने टीआरपी घोटाला का खुलासा किया था। इस मामले में पुलिस ने चार्जषीट दाखिल कर दी है। कथित टेलीविजन रेटिंग पॉइंट घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बीते दिन मजिस्ट्रेट कोर्ट में 1400 पन्नों की चार्जशीट पेश की। इसमें रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम शर्मा समेत 12 लोगों पर आरोप लगाया गया है। 

140 लोगों को बनाया गया है गवाह 
चार्जशीट में ऑडिटर्स और फॉरेंसिक एक्सपर्ट समेत 140 लोगों को गवाह बनाया है। दो आरोपियों को भी सरकारी गवाह बनाने के लिए अर्जी दी गई है। पुलिस का कहना है कि आगे की जांच के बाद सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की जाएगी। यह घोटाला पिछले महीने तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिए यह शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ टेलीविजन चैनल रेटिंग के आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं।

चैनलों को टीआरपी के आधार पर ही मिलता है विज्ञापन
चैनलों को विज्ञापन टीआरपी के आधार पर ही मिलते हैं। मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले महीने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी और दो मराठी चैनल-बॉक्स सिनेमा और फक्त मराठी टीआरपी के आंकड़ों में छेड़छाड़ कर रहे हैं। हालांकि, रिपब्लिक टीवी और दूसरे चैनलों ने इन आरोपों को गलत बताया था।

कई आरोपियों को पुलिस ने बताया फरार 
चार्जशीट में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 420, 465, 468, 406, 120बी, 201, 204, 212 और 34 लगाई हैं। इस मामले में अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम शर्मा भी शामिल हैं। पुलिस ने रिपब्लिक टीवी, न्यूज नेशन, फक्त मराठी, बॉक्स सिनेमा और वाऊ चैनलों के खिलाफ पैसे देकर फर्जी टीआरपी हासिल करने का आरोप लगाया है। इन चैनलों के संचालकों और मालिकों को भी फरार आरोपी बताया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए कई आरोपी, चैनलों के अधिकारियों और जिन लोगों के घरों में टीआरपी मीटर लगे हैं, उनके संपर्क में थे। आरोपियों ने चैनलों से पैसे लेकर वही चैनल देखने की बात कबूली है। फोन, लैपटॉप और बैंक खातों से भी सबूत मिले हैं।