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साइबर ठगी सीखने जामताड़ा जा रहे नक्सली, पुलिस को लग चुकी है भनक

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द फॉलोअप टीम, जामताड़ा:

नक्सली हमेशा से बम बारूद बनाना सीखने के लिए जाने जाते हैं लेकिन,  अब नक्सली बम-बारूद बनाना छोड़ साइबर क्राइम सीख रहे है। नक्सली अपने युवा विंग को साइबर अपराध सीखने जामताड़ा भेज रहे हैं।  इस बात का खुलासा तब हुआ जब बिहार का एक व्यक्ति ठगी का शिकार हुआ। साइबर सेल ने जब ठगी में इस्तेमाल सिम का लोकेशन ट्रेस किया तो गिरिडीह जिले के नक्सल प्रभावित इलाके का मिला। बिहार पुलिस ने झारखंड पुलिस से संपर्क किया। 

नक्सल प्रभावित इलाकों से आए कॉल
मामले में अब कुछ अन्य पीड़ितों के भी मामले भी समने आने लगे हैं जिनके साथ ठगी हुई है। इन्हें भी नक्सल प्रभावित इलाकों से ही फोन किया गया था।  इस विषय पर पुलिस अभी कुछ भी खुलकर नहीं कह रही है। झारखण्ड पुलिस मुख्यालय का कहना है कि मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की होगी। फिलहाल छानबीन की जा रही है।  

साइबर क्राइम का सहारा ले रहे नक्सली
जामताड़ा साइबर अपराध का गढ़ है। जामताड़ा से अब तक सबसे अधिक साइबर अपराध हुए है। यहां के साइबर अपराधी इतने शातिर होते हैं कि आपकी गोपनीय जानकारी मिनटों में निकलवा लेते है। ये सभी ट्रेंड साइबर अपराधी होते है। ये हमसे हमारा ही पासवर्ड  लेकर लाखों का घोटाला कर देते है।  इनके पास लोगों को बरगलाने की कई तरकीब होती है। इनकी इसी कला को अब नक्सली भी सीखना चाह रहे हैं। पूरे देश में जामताड़ा साइबर क्राइम के लिए बदनाम हैं। 

पुलिस को मामले की भनक लग चुकी है
नक्सल प्रभावित क्षेत्र से फोन किये जाने पर पुलिस को इसकी भनक लग ई है कि नक्सली अब साइबर अपराध में उतर चुके हैं। नक्सली चाह रहे हैं कि किस तरह से बिना-बम बारूद चलाए ही पैसा कमा लिया जाए। हालांकि पुलिस नक्सली को अभी खोज नहीं पायी हैं।  जांच एजेंसियां इनको ढूंढने में लगी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अभी तक नक्सलियों के आय का स्त्रोत रंगदारी, लेवी या फिर फिरौती हुआ करता था। अब साइबर क्राइम बन रहा है।