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सिवान पहुंचे जाप नेता पप्पू यादव, शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के साथ खोला रोजा

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द फॉलोअप टीम, सिवान:
पप्पू यादव शुक्रवार को बिहार के सिवान जिला पहुंचे। वहां उन्होंने आरजेडी के दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब से मुलाकात की और उनका ढांढस बंधाया। पप्पू  ने ओसामा के साथ मिलकर रोजा खोला और उनके साथ काफी देर तक वार्ता की। कहा जा रहा है कि इस बातचीत में व्यक्तिगत बातों के अलावा राजनीति पर भी चर्चा की गयी। कहा जा रहा है कि शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा साहब राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव से काफी नाराज चल रहे हैं। 

दोबारा कोई शाहबुद्दीन पैदा नहीं हो सकता!
ओसामा के साथ बातचीत के दौरान पप्पू यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, " सिवान संसदीय क्षेत्र से चार बार एमपी और दो बार विधायक रहने वाले व्यक्ति को कोरोना संक्रमित वार्ड में डाल देना यह क्या बताता है? शहाबुद्दीन साहब का 18 साल का जो राजनीतिक जीवन रहा, उन सब परिस्थितियों को देखकर आप यही कह सकते हैं कि दोबारा कोई शहाबुद्दीन पैदा नहीं हो सकता। मुस्कुराता हुआ चेहरा, मेरे साथ बहुत सारी उनकी यादें हैं। बस यही कहता हूं पता नहीं क्यों चले गए।"

राजनीतिक महत्वकांक्षी से दूर थे शाहबुद्दीन!
बातों में पप्पू अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहते है कि, "1990 से लेकर आज तक शहाबुद्दीन साहब हर संकट में एक व्यक्ति और एक दल के साथ खड़े रहे। वह मंत्री हो सकते थे, सत्ता का हिस्सा हो सकते लेकिन कभी भी उन्हें लोभ नहीं आया और ना ही कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षी जागी। एक ऐसा व्यक्ति जिसके अंदर कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं थी, जिसने अपना जीवन उनके लिए समाप्त कर दिया लेकिन वो शहाबुद्दीन के नहीं हो सके। जो शहाबुद्दीन का ना हो सका, वह किसी का नहीं हो सकता।

लालू यादव ने शहाबुद्दीन के लिए कुछ नहीं किया!
पप्पू यादव ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा है कि " कभी उन्होंने लालू जी से कुछ नहीं लिया, लालू जी ने और पार्टी ने उनसे सब कुछ लिया। अंतिम तक शहाबुद्दीन साहब को कुछ नहीं मिला। उनके नाम पर सिर्फ राजनीति हुई है. शहाबुद्दीन हमारे अच्छे मित्र थे। उसूल के पक्के आदमी थे। इस दुख की घड़ी में हम उनके परिजन के साथ खड़े हैं"। हम हमेशा इनका साथ निभायेंगे। 

शाहबुद्दीन की तरह दूसरा कोई नही हो सकता !
ओसामा के साथ बातचीत में पप्पू यादव ने तेजस्वी को बीच मे लाते  हुए कहा कि तेजस्वी जब छोटे थे और लालू की गोद में खेल में खेला करते थे। उस वक़्त लालू काफी परेशानियों में थे। उनके साथ शहाबुद्दीन साए की तरह रहे। शहाबुद्दीन को जितना सम्मान लालू यादव के परिवार से मिलना चाहिए था उतना सम्मान नहीं मिल पाया। अंत मे उन्होंने कहा शहाबुद्दीन जैसा दूसरा कोई नहीं हो सकता। ओसामा भी शहाबुद्दीन की तरह राजनीति में एक अच्छे मुकाम पर जाएंगे।