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नई आफत! पोस्ट कोविड मरीजों में दिखी गैंग्रीन बीमारी, जानिए! क्या होता है लक्षण

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द फॉलोअप टीम, रांची:

एक ओर जहां देश कोरोना (Corona) के संक्रमण से अभी उबरा भी नहीं है कि ब्लैक फंगस (Black fungus) ने तबाही मचाना शुरू कर दिया। कोरोना से ठीक हुए मरीज यानी पोस्ट कोविड मरीजों (Post covid patients) को ब्लैक फंगस के अलावा एक नई तरह की बीमारी हो रही है। इस बिमारी का नाम है नाम गैंग्रीन(gangrene disease) है। यह रोग अमूमन पैर, हाथ, पैर के अंगुठे, पैर की अंगुलियों और बांह में होता है। 

समझिए! क्या होती है गैग्रीन नाम की बीमारी
डॉक्टरों ने बताया कि इस रोग में पैरों और हाथों में कालापन आ जाता है और खून का थक्का बन जाता है। जहां यह रोग होता है उस हिस्से में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। वहां का टिशु डेड हो जाता है। इसे साथ ही बताया जा रहा है की हाई ब्लड शुगर (blood sugar) लेवल वाले और जिनकी इम्युनिटी (immunity) कम है, उनमें यह मर्ज होने की आशंका अधिक रहती है। फिलहाल एम्स में बिहार के एक पू्र्व मुख्यमंत्री के परिजन समेत आधा दर्जन लोगों का इस बीमारी का इलाज चल रहा है। 4 लोगों का ऑपरेशन हो चुका है। फिलहाल आईजीआईएमएस (IGIMS) में इस रोग का एक भी मरीज नहीं आया है।

पोस्ट कोविड मरीजों में गैंग्रीन का लक्षण ये है
डॉ. अनूप कुमार (हड्डी विभाग के हेड,एम्स) ने बताया की चमड़े का रंग बदल जाता है। चमड़े का रंग काला, पर्पल, नीला या लाल में से कोई एक हो जाता है और चमड़ा पतला हो जाता है। छूने पर वहां का चमड़ा ठंडा लगता है। इसके साथ ही हल्का बुखार आता है। तबीयत सुस्त लगती है। इसके साथ ही सांस लेने में परेशानी होती है और हार्ट बीट बढ़ जाता है। जहां यह रोग होता है, वहां दर्द होता है और सूजन हो जाता है इसके साथ ही चमड़े से बाल खत्म हो जाता है।

ऑक्सीजन थैरेपी से होता है मरीजों का इलाज
एम्स के डॉक्टरों की मानें कोरोना या ब्लैक फंगस जैसी बिमारी की तरह यह घातक नहीं है और इसका इलाज भी संभव है। उन्होंने बताया की जिस हिस्से में गैंग्रीन होता है, उस हिस्से को  ऑपरेशन कर निकाल दिया जाता है। इसके साथ ही कई तरह के एंटीबायोटिक (antibiotic) चलते हैं। वही, ऑक्सीजन थेरेपी (oxygen therapy) होती है, ताकि ब्लड को ऑक्सीजन मिल सके।

पोस्ट कोविड मरीजों में दिखती है परेशानी
डॉ. उमेश कुमार भदानी (एम्स के डीन) के अनुसार रोग पोस्ट कोविड या वैसे लोगों को हो  सकता है, जिसका शुगर लेवल हाई है और जिनकी इम्युनिटी कम है। हालांकि, इससे ग्रसित रोगियों की तादाद कम है। लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों का दिखाना जरूरी है।