logo

कर्बल कथा विराम: कर्बला की जंग के बाद हिंदुस्‍तान आना चाहते थे इमाम हुसैन

11971news.jpg

हैदर रिज़वी, मुंबई:

कर्बला के युद्ध और इमाम हुसैन के जीवन में हिन्दुस्तान का बहुत अहम स्थान रहा है। एक किस्से के अनुसार रेब जिसे अरबी इतिहास में "राहिब" लिखा जाता है व्यापर के लिए अरब गया।जब उसने मुहम्मद साहब के नए धर्म और उनकी ख्याति के बारे में सुना तो मुहम्मद साहब के दर्शन के लिए मदीना पहुंचा। मुहम्मद  साहब से उसने वरदान में अपने लिए संतान मांगी। वह निःसंतान था। हुसैन जो उस समय बालक थे। उन्होंने राहिब को कहा जा राहिब तेरे यहाँ 7 बेटे होंगे और उन्हें इतिहास में सदैव हमारे नाम के साथ याद रखा जायेगा। कर्बला के युद्ध में राहिब के बेटे भी हुसैन की मदद को पहुंचे थे। किन्तु  जब वो पहुंचे हुसैन वीरगति को प्राप्त हो चुके थे। इसी तरह भारत में  पानीपत के पास से भी दत्त ब्राह्मण और कश्यप गोत्र से सम्बद्ध कुछ ब्राह्मण भी हुसैन की मदद को गए किन्तु वह भी युद्ध के बाद वहां पहुँच पाए। 

 

हुसैन का साथ देने भारत से पहुंचे थे ब्राह्मण

इराक़ में आज भी राहिब के वंशज और भारत से गए अन्य लोगों के वंशज वहां रहते  हैं। जिन्हें "हुसैनी ब्राह्मण" कहकर पुकारा जाता है। भारत में पानीपत के  पास भी करीब 100 हिन्दू परिवार उस वंश से हैं, जो आज भी हुसैन को याद करते और मुहर्रम में उनका गम मानते हैं। हुसैन की पत्नी शहरबानो जिसे कुछ  इतिहासकार एक भारतीय राजा की बेटी चंद्रकला बताते हैं, वह भी भारतीय थीं।  किन्तु यह इतिहास इतना पुष्ट नहीं है। हाँ लेकिन यह ज़रूर है कि कर्बला में हुसैन द्वारा भारत आने की मांग करना एक गुप्त सन्देश था हुसैनियों के लिए कि हालात खराब होने पर वह भारत की और विस्थापित हों, जैसा कि बाद में सूफियों ने किया भी। उमय्या और अब्बासी खलीफाओं के समय में कई हुसैनी परिवार भारत की ओर आये, समारा, पंजाब में हुसैन के परपोते की कब्र भी इसका एक प्रमाण माना जा सकता है।

 

करबला में इमाम हुसैन के साथ शहीद होने वाले 72 शहीदों के नाम

1- हजरत इमाम हुसैन
2- हजरत अब्बास बिन अली
3- हजरत अली अकबर बिन हुसैन
4- हजरत अली असगर बिन हुसैन
5- हजरत अब्दुल्ला बिन अली 
6- हजरत जाफर बिन अली
7- हजरत उस्मान बिन अली
8- हजरत अबूबकर बिन अली
9- हजरत अबूबकर बिन हसन अली
10- हजरत कासिम बिन हसन बिन अली
11- हजरत अब्दुल्ला बिन हसन
12- हजरत ओन बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
13- हजरत मोहम्मद बिन अब्दुल्ला बिन जाफर
14- हजरत अब्दुल्ला बिन मुस्लिम बिन अकील
15- हजरत मोहम्मद बिन मुस्लिम

 

 

16- हजरत मोहम्मद बिन सईद बिन अकील
17- हजरत अब्दुल्ल रहमान बिन अकील
18- हजरत जाफर बिन अकील
19- हजरत अनस बिन हारिस असदी
20- हजरत हबीब बिन मजाहिर असदी
21- हजरत मुस्लिम बिन ओरजा असदी
22- केस बिन मशदर असदी
23- हजरत अब समाम ऊमरु बिन अब्दुल्लाह
24- हजरत बुरेर हमदानी
25- हजरत अनजला बिन असद
26- हजरत अबीस शकिर
27- हजरत अब्दुल्ल रहमान वहाबी
28- हजरत सैफ बिन हासिद
29- हजरत आमीर बिन अब्दुल्लाह हमदानी
30- हजरत जुनैद बिन हासिद

 

 

31- हजरत मजमा बिन अब्दुल्लाह
32- हजरत माफ बिन हिलाल
33- हजरत हज्जाज बिन मसरुफ
34- हजरत उमर बिन करफा
35- हजरत अब्दुल्ल रहमान बिन अब्देख
36- हजरत जुनैद बिन काब
37- हजरत आमिर बिन जुनैद
38- हजरत नईम बिन अजलान
39- हजरत साद बिन हारिस
40- हजरत जुहैर बिन कैन
41- हजरत सलमान बिन मजारिब
42- हजरत सईद बिन उमर
43- हजरत अब्दुल्लाह बिन बशीर
44- हजरत यजीद बिन जाएद कनदी
45- हजरत हर्व बिन उमर अल कैस
46- हजरत जहीर बिन आमिर
47- हजरत बशीर बिन आमिर
48- हजरत अब्दुल्लाह अरवाह गफ्फारी
49- हजरत जोन (हजरत अबुजर के गुलाम)
50- हजरत अब्दुल्लाह बिन आमिर
51- हजरत अब्दुल्लाह आला बिन यजीद
52- हजरत सलीम बिन आमीर
53- हजरत कासिम बिन हबीब
54- हजरत जाएद बिन सलीम
55- हजरत नोमान बिन उमर
56- हजरत यजीद बिन साबीत
57- हजरत आमिर बिन मुस्लिम
58- हजरत सैफ बिन मलिक
59- हजरत जाबिर बिन हज्जाजी
60- हजरत मसुद बिन हज्जाजी
61- हजरत अब्दुल्ल रहमान बिन मसुद
62- हजरत बाकिर बिन हई
63- हजरत अम्मार बिन हसन
64- हजरत जिरगाम बिन मलिक
65- हजरत कनान बिन अतीक
66- हजरत अकबा बिन सल्ह
67- हजरत हुर बिन यजीद तमीमी
68- हजरत उमर बिन खालिद सौदावी
69-;हजरत हबाला बिन अली शीबानी
70- हजरत कनाब बिन उमर
71- हजरत अब्दुल्लाह बिन यकतर
72- हजरत गुलाम ए तुर्की 

 

समापन किस्‍त

पहला भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: मुहर्रम: आख़िर क्‍या थी कर्बला की कहानी, जिसे भुलाना सदियों बाद भी मुश्‍किल

दूसरा भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: कर्बल कथा-2: माविया की मृत्यु के बाद बेटा यज़ीद खुद खलीफा बन बैठा

तीसरा भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: कर्बल कथा-3: दो लाख के लश्कर में सुकूं ऐसा था तारी, एक सुई भी गिर जाए तो आवाज़ करेगी 

चौथा भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: कर्बल कथा-4: नवेली दुल्‍हन के सामने ईसाई नौजवान इमाम हुसैन के लिए हो गया शहीद

पांचवां भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: कर्बल कथा-5: सुबह से लाश उठा रहे हुसैन से कई बार कोशिश करने पर भी अकबर की लाश न उठी

छठवां भाग पढ़ने के लिए क्‍लिक करें: कर्बल कथा-6: तीन भाल का तीर लगते ही गर्दन अलग हो गई और छह माह का बच्‍चा शहीद हो गया

(लेखक का लालन-पालन उत्‍तर प्रदेश के ओबरा  में हुआ। कर्बल कथा टाइटल से एक किताब प्रकाशित। संप्रति मुंबई में रहकर टीवी और फिल्‍मों के लिए लेखन)

नोट: यह लेखक के निजी विचार हैं। द फॉलोअप का सहमत होना जरूरी नहीं। हम असहमति के साहस और सहमति के विवेक का भी सम्मान करते हैं।