द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। पीएम ने कहा कि एससीओ को कट्टरवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ने के लिए साझा खाका विकसित करना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपने प्रतिभाशाली युवाओं को विज्ञान और तर्कसंगत सोच के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम भारत को एक उभरती हुई तकनीक में हितधारक बनाने की दिशा में काम करने के लिए स्टार्टअप औऱ उद्यमियों को साथ ला सकते हैं।
20वीं वर्षगांठ मना रहा है एससीओ
गौरतलब है कि 17 सितंबर यानी शुक्रवार को एससीओ की 20वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ के भविष्य के बारे में सोचने का वक्त आ गया है। इस क्षेत्र में एक बड़ी समस्या के रूप में शांति, सुरक्षा और विश्वास जैसी कमियां हैं। पीएम ने कहा कि इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ती कट्टरता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हुए हाल के घटनाक्रम ने उस चुनौती को स्पष्ट कर दिया है। हमें साझा हित के तहत इससे निपटना होगा।
कनेक्टिविटी एकतरफा नहीं हो सकती
प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ समिट को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की कनेक्टिविटी की पहल एकतरफा नहीं हो सकती। आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी परामर्शी, पारदर्शी और सहभागी होनी चाहिए। सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि भारत के विशाल बाजार से जुड़कर मध्य एशियाई देश अधिक लाभान्वित हो सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि मध्य एशियाई देशों के साथ भारत का सांस्कृतिक रिश्ता भी रहा है।
विदेश मंत्री ने लिया समिट में हिस्सा
पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष हम एससीओ की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में ईरान का स्वागत करता हूं। पीएम ने कहा कि मैं 3 नए संवाद भागीदारों, सऊदी अरब, मिस्त्र और कतर का भी स्वागत करता हूं। गौरतलब है कि एससीओ की 20वीं वर्षगांठ में समिट का आयोजन ताजिकिस्तान में किया जा रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इसमें व्यक्तिगत तौर पर भाग ले रहे हैं। पीएम ने वर्चुअली संबोधित किया।