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सांसद सुनील महतो और पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा ह'त्या'कां'ड के पीछे था बूढ़ा दिमाग, 16 पुलिसकर्मियों की ह'त्या का  मास्टरमाइंड भी बोस ही था 

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द फॉलोअप टीम, सरायकेला:
आतंक के पर्याय प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को रविवार को सरायकेला जेल भेज दिया गया। डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि बोस की गिरफ्तारी ना सिर्फ झारखंड बल्कि आसपास के कई राज्यों के लिए ऐतिहासिक है। वह शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है। डीजीपी ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम में सांसद सुनील महतो हत्याकांड, पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड का मास्टरमाइंड बोस ही था। सारंडा में 16 पुलिसकर्मियों की हत्या, बिहार का जहानाबाद जेल ब्रेक, महाराष्ट्र का भीमा कोरेगांव हिंसा, दंतेवाड़ा में डेढ़ दर्जन से अधिक जवानों की मौत के पीछे भी प्रशांत बोस ही था।

एक पेन ड्राइव और दो एसएसडी कार्ड मिले हैं  
पुलिस को प्रशांत बोस को पास से  एक पेन ड्राइव और दो एसएसडी कार्ड मिले हैं। इसमें भाकपा माओवादी संगठन के कई अहम दस्तावेज हैं। एसएसडी कार्ड में 60 के दशक से अब तक की बड़ी घटनाओं, शीर्ष नेताओं की बैठकों का पूरा ब्यौरा और प्लान है। इसकी जांच की जा रही है। प्रशांत बोस और शीला मरांडी सहित सभी छह लोगों को  जेल भेजने से पहले मेडिकल जांच कराया गया। कड़ी सुरक्षा में करीब चार घंटे जांच चली। बोस ने डॉक्टर को सिर्फ इतना बताया कि दो  साल पहले गंभीर बीमारी हुई थी, जिसमें मेजर ऑपरेशन करना पड़ा। इसके बाद उन्हे कोर्ट  में पेश किया गया, जहां से जेल भेजा गया। 

बोस पर 100 पत्नी  पर 18 केस
बोस पर झारखंड, बिहार, ओडिशा और अन्य राज्यों में 100 से अधिक मामले दर्ज हैं। बोस की पत्नी शीला मरांडी पर भी बगोदर, पीरटांड़, बेंगाबाद, मधुबन, डुमरी, चंद्रपुरा, तोपचांची, बोकारो टाउन, गिरिडीह नगर, सोनुवा, मनोहरपुर, गोइलकेरा व टेबो थाने में 18 केस दर्ज हैं। 

 20 को बुलाया भारत बंद

प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों में आक्रोश है। 20 नवंबर को 24 घंटे का भारत बंद का आह्वान किया है। भाकपा माओवादी पूर्वी रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता संकेत ने कहा है कि 15 से 19 नवंबर तक प्रतिरोध दिवस मनाया जाएगा। प्रशांत बोस और शीला मरांडी बीमारी का इलाज कराने जा रहे थे, तभी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विज्ञप्ति में दोनों की उचित इलाज की मांग की गई है, साथ ही सभी गिरफ्तार लोगों को बिना शर्त छोड़ने को कहा गया है। 

अब गिनती के इनामी नक्सली बचे हैं  
झारखंड में शुरू से ही नक्सलियों का आतंक रहा है। लेकिन अब राज्य में इनामी नक्सली कम हो गए हैं, गिनती के अब 115 इनामी नक्सली बचे हैं। जिनमें भाकपा माओवादी, टीपीसी, पीएलएफआई और जेजेएमपी के नक्सली शामिल हैं। इनके ऊपर एक करोड़ से लेकर एक लाख रुपये तक का इनाम रखा गया है।  चार नक्सलियों पर एक करोड़ का इनाम है, जिनमें पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस के पकड़े गये है, इसके अलावा मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमिटी मेंबर असीम मंडल और पतिराम मांझी शामिल हैं । इनामी नक्सलियों मे पोलित ब्यूरो मेंबर, सेंट्रल कमिटी मेंबर, स्पेशल एरिया कमिटी, रीजनल कमिटी मेंबर, जोनल कमिटी मेंबर, सब जोनल मेंबर, एरिया कमांडर शामिल हैं।