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अस्पताल के नाम पर उगाही की खबर को रांची प्रेस क्लब ने किया खारिज, कानूनी कार्रवाई करेगा

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द फॉलोअप टीम, रांची:
रांची के एक सांध्यं दैनिक में लगातार छप रही खबरों के बाद आज रांची प्रेस क्लब के पदाधिकारी और क्लब में चल रहे बिरसा मुंडा कोविड अस्पताल के संचालक मीडिया के सामने आए। अपना पक्ष रखा। अस्प‍ताल के नाम पर उगाही की खबर को पूरी तरह खारिज किया। क्लब के महासचिव अखिलेश सिंह ने कहा कि अस्पताल के नाम पर किसी भी तरह की उगाही नहीं की गई है। हमने अपने स्तर पर जांच की। लेकिन ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया। एक सांध्य अखबार ने गलत रिपोर्टिंग के जरिये प्रेस क्लब की इमेज खराब करने की कोशिश की है। क्लब इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा। क्लब में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्लब के संयुक्त  सचिव जावेद अख्तर, कोषाध्यरक्ष जय शंकर केअलावा अस्पताल के संचालक मिशन ब्लू फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज सोनी और कमल भद्रा फैसलिटिज के एमडी अतुल शौर्य मौजूद थे।

अस्पताल चलाने की सरकारी सहमति हासिल: पंकज सोनी 
रांची प्रेस क्लब परिसर में संचालित बिरसा मुंडा कोविड अस्पताल के संचालक मिशन ब्लू फाउंडेशन के अध्यक्ष पंकज सोनी ने मौके पर बताया कि अस्पताल चलाने का उनके पास सरकार का सहमति पत्र है। वे एनजीओ के तौर पर लीगली डोनेशन लेने के भी अधिकारी हैं। उनके ब्यान को रांची के एक सांध्य दैनिक ने तोड़-मरोड़ कर छापा है। वो बोले, मैंने यह कभी नहीं कहा कि रांची प्रेस क्लंब उगाही कर रहा है। हमलोग सिर्फ लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रहे थे। वो आगे भी जारी रहेगा। 

क्लब में कहां से आए पैसे, सबका हिसाब पारदर्शी
महासचिव ने बताया कि कोविड की दूसरे लहर के बाद बेरमो विधायक अनूप सिंह ने मृत पत्रकारों के परिजनों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जरिए 5 लाख की डीडी सौंपी थी। 1.50 लाख रुपये की मदद असर संस्था ने की थी, वहीं 51 हजार का चेक रांची के समाजसेवी मुनचुन राय ने क्लब को सौंपा था। अगर ये वसूली है तो हमने वसूली की।

अस्पताल में करीब दर्जनभर पत्रकारों का हुआ इलाज
क्लब के पदाधिकारियों ने बताया कि दूसरी लहर में मरने वालों में 30 पत्रकार थे। ऐसे में क्लब के सदस्यों का भारी दबाव था कि प्रेस क्लब में कोविड सेंटर खोला जाए। सरकार से पत्राचार के बाद क्लब को पत्रकारों के लिए सुविधाएं नहीं  मिली। ऐसे में एनजीओ मिशन ब्लू फाउंडेशन इस दिशा में सामने आया। पत्रकार और उनके परिजनों को बेड की कमी के कारण जान न गंवानी पड़े। हेल्थ सपोर्ट सिस्टम के तौर पर हम काम करें। इसके लिए 40 ऑक्सीजन युक्त बेड तैयार किया गया। 11 मई को क्लब के कार्यकारिणी सदस्य सुनील सिंह की मौत के बावजूद विषम परिस्थितयों में 12 मई को अस्पताल खोला गया। अबतक करीब दर्जन भर पत्रकारों का इलाज भी हो चुका है।

क्लब में अस्पताल को किया गया बंद
क्लब में संचालित कोविड अस्पताल को फिलहाल बंद कर दिया गया है। संचालकों ने बताया कि 10-15 दिनों के भीतर रांची शहर में ही दूसरी जगह चयनित कर अस्पताल का संचालन किया जाएगा।