logo

भारत में ही हुआ उर्दू का जन्म और यहीं बोली जाती है दुनिया में सबसे अधिक: राजेश ठाकुर

14802news.jpg

द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि उर्दू का जन्म भारत में ही हुआ। वहीं विश्व में सबसे ज्यादा यहीं उर्दू बोली भी जाती है। कांग्रेस ने हमेशा इसके संरक्षण और विकास के लिए काम किया है। उर्दू के जानने वालों की जो भी मांग है उसे राज्य सरकार के समक्ष रखने का वह भरपूर प्रयास करेंगे। राजेश ठाकुर विश्व उर्दू दिवस पर हुए एक सेमिनार में बोल रहे थे। सेमिनार का विषय था- उर्दू भाषा और उसका विकास। कांग्रेस भवन रांची में इसका आयोजन झारखंड प्रदेश कांग्रेस की अल्पसंखयक इकाई ने किया था। जिसकी अध्यक्षता इकाई के प्रदेश अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने की।सेमिनार का संचालन महानगर अल्पसंख्यक कांग्रेस के अध्यक्ष अख्तर अली ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन ज्योति सिंह मथारू ने किया।

मुख्य वक्ता डॉ. अबुजर उसमानी ने कहा कि उर्दू मेरी मां की जुबान है। हिन्दी हमारी बड़ी बहन है और उर्दू छोटी बहन है। अल्पसंख्यक मामलों के जानकार एस अली ने कहा कि संविधान की आठवीं अनुसूची में उर्दू शामिल है, वही संविधान के अनुच्छेद 360(ए) मातृभाषा उर्दू में प्रारम्भिक शिक्षा देनी की इजाजत देता है महागठबंधन 4401 उर्दू शिक्षक के बचे 3708 पदों को स्नातक टेट उत्तीर्ण से भरे, +2 में उर्दू शिक्षकों की बहाली कराये, उर्दू एकेडेमी गठ़न जल्द हो, उर्दू के आरक्षित रिक्त रहे पदों को पिछड़ा एवं समान्य वर्ग से भरे जाए। डॉ. मंजर हुसैन ने कहा कि उर्दू ने जंगे आजादी में अहम रोल अदा किया है। उर्दू क्रांतिकारी कविताएं, उर्दू शाहाफत और उर्दू मजमुन ने तहरिके आजादी को मजबूती दिया। 

उर्दू प्रेमी हुए शरीक

प्रदेश प्रवक्ता डॉ एम तौसीफ ने कहा कि शिक्षक और छात्र दोनों को उर्दू जबान को प्रोफेशन के हिसाब से अध्ययन कराना और करना चाहिए। उर्दू पढ़ने वाले छात्र को उसके साथ-साथ दूसरे विषय का भी गहन अध्ययन करना चाहिए इससे छात्र के व्यक्तित्व निखारा जा सके। सेमिनार में डॉ मशरिक जहां, डॉ राकेश किरण महतो, तनवीर खान, तारीक अनवर, गुलाम रब्बानी,  डॉ साजदा खातून, ज़ाकिर अंसारी, तौकीर अख्तर, रमजान अंसारी, नोमान आलम इरशाद खान, साहिल खान, परवेज़ खान, जहाँगिर अंसारी, इस्माइल अंसारी, अफ़ज़ह हुसैन, फिरोज अंसारी, अबू कामरान, फ़िरोज़ आलम, एहसान अंसारी, जगदीश साहू, एम खुर्शीद और गुलाम शाहिद आदि उर्दू प्रेमी उपस्थित थे।