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धरती आबा के आदर्श और विचार को जीवन में आत्मसात करना होगा: सुदेश महतो

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द फॉलोअप टीम, रांची:
आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने भगवान बिरसा मुंडा की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात करनेवाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के आदर्श एवं विचार को अपने जीवन में आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। हमारे ऊपर धरती आबा के सपनों को साकार करने का दायित्व है और हम इसके लिए कृतसंकल्पित हैं। झारखण्ड के हितों और यहां के जनमानस की आन-बान-शान और स्वाभिमान की रक्षा के लिए आजसू पार्टी दृढसंकल्पित है। 

भगवान बिरसा मुंडा के विचार और आदर्श युगों-युगों तक अमिट रहेंगे:  देवशरण भगत
धरती आबा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष करनेवाले जननायक भगवान बिरसा मुंडा के विचार और आदर्श युगों-युगों तक अमिट रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के संघर्षों और विचारों के बारे में हर किसी को जानना और पढ़ना चाहिए। संस्कृति, सम्मान और स्वाधीनता के लिए झारखंड के इस वीर योद्धा ने अबुआ दिशुम, अबुआ राज का बिगुल फूंका और मातृभूमि के खातिर अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया। भगवान बिरसा और उनके विचार अमर हैं और रहेंगे।

22 जून को संकल्प दिवस मनाएगी आजसू पार्टी
22 जून 1986 को झारखंड के युवाओं ने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई को परिणाम तक पहुँचाने के लिए समझौता विहीन संघर्ष करने का संकल्प लिया था। झारखंड के हज़ारों युवाओं ने अपने जीवन का बहुमूल्य समय इस संघर्ष के नाम कर दिया, लाठी खाये, जेल गए और कुछ साथी शहीद हो गए। अलग राज्य का गठन भी हो गया, लेकिन उनके सपनों का झारखंड का निर्माण आज भी नहीं हो पाया। आजसू पार्टी उनके सपनों का झारखंड बनाने का संकल्प लेती हैं। 22 जून को सभी प्रखण्डों में रक्तदान शिविर लगाने तथा वृक्षारोपण करने का निर्णय लिया है।

टीएसी में संसोधन संविधान के प्रावधान का उल्लंघन
वर्तमान में सरकार ने टीएसी (TAC) में संसोधन करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय संविधान के प्रावधान का खुला उल्लंघन है। यह निर्णय टीएसी के आत्मा के विपरीत है। वर्तमान प्रावधान में टीएसी को राज्य सरकार का एक विभाग बना दिया गया है। टीएसी को पांचवीं अनुसूची क्षेत्र एवं आदिवासियों की हितों के लिए बोलने और सलाह देने वाली संस्था के रुप में संविधान प्रदत्त शक्ति के तहत बनाया गया है। सरकार ने इस शक्ति के अस्तित्व को ही खत्म कर दिया। इस संसोधन से पांचवीं अनुसूची के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। आजसू पार्टी टीएसी में संसोधन का विरोध करती है। इसको लेकर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्यपाल से मिलेगा और स्मारपत्र देगा।