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CBI पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, कहा- जजों को धमकाने वालों के खिलाफ कुछ नहीं किया

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

सुप्रीम कोर्ट ने जज उत्तम आनंद की मौत के मामले की जांच कर रही CBI पर तीखे तंज कसे हैं। शुक्रवार 6 अगस्त को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने CBI को लेकर अहम टिप्पणी की।  कोर्ट ने कहा कि देश में कई ऐसे मामले हैं जिनमें शामिल गैंगस्टर और हाई प्रोफाइल लोग जजों को धमकी देते है, लेकिन उन मामलों की जांच कर रही CBI ने कुछ नहीं किया।

सीबीआई के खिलाफ की सख्त टिप्पणी
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमना और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने केंद्रीय जांच एजेंसी के खिलाफ तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि CBI ने कुछ नहीं किया और इसके रवैये में अपेक्षित बदलाव नहीं हुआ है।  पीठ ने 2019 में दायर एक रिट याचिका का जिक्र करते हुए केंद्र से भी जवाब मांगा है।  इस याचिका में जजों और अदालतों के लिए एक विशेष सुरक्षा बल की मांग की गई थी।  

 केंद्र ने दाखिल नहीं किया जवाबी हलफनामा
CJI ने कहा कि हालांकि रिट याचिका 2019 में दायर की गई थी, लेकिन केंद्र ने अभी तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है।  इसे जज उत्तम आनंद की मौत से जोड़ते हुए CJI ने टिप्पणी की।  एक युवा जज की मौत के दुर्भाग्यपूर्ण मामले को देखें। ये राज्य की विफलता है।  न्यायाधीशों के आवासों को सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। 

सुप्रीम कोर्ट ने लिया था मामले का संज्ञान
जज उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट  स्वतः संज्ञान लेते हुए  झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश है।  हालांकि शीर्ष कोर्ट ने ये स्पष्ट किया है कि इसी मामले में झारखंड हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा।  जज उत्तम आनंद की मौत के मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को होनी  तय हुई है, इसमें CBI को जांच से जुड़ी प्रोग्रेस रिपोर्ट से कोर्ट को अवगत कराना होगा। वहीं, 17 अगस्त तक सभी राज्य सरकारों को जजों की सुरक्षा को लेकर हलफनामा दायर करना है।