द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
सीबीएसई और आइसीएसई द्वारा 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वो बोर्ड द्वारा बनाई गई मूल्यांकन नीति में कोई हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कोर्ट ने ये भी कहा कि इसमें किसी भी तरीके का बदलाव संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों केंद्रीय बोर्ड की अपनी-अपनी मूल्यांकन नीति के साथ आगे बढ़ने की इजाजत दे दी।
कपार्टमेंट परीक्षा की मांग वाली याचिका भी खारिज
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने सीबीएसई कपार्टमेंट परीक्षा रद्द करने की मांग करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। दरअसल यूपी अभिभावक संघ ने मांग रखी थी कि रिजल्ट जारी किए जाने के पहले छात्रों को ये विकल्प दिया जाए कि वे तय फॉर्मूले के हिसाब से नतीजा चाहते हैं या परीक्षा देना चाहते हैं। अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि बोर्ड की मूल्याकंन नीति के तहत छात्रों को दोनों विकल्प दिया जा रहा है।
सीबीएसई ने मूल्यांकन के लिए बनाया है खास पोर्टल
इस बीच सीबीएसई ने 12वीं बोर्ड के छात्रों के मूल्यांकन के लिए पोर्टल बनाया है। स्कूलों से कहा गया है कि वे सभी छात्रों का इंटरनल ग्रेड उसमें अपलोड करें। इसमें प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और आंतरिक मूल्यांकन के अंक होना चाहिए। छात्रों के 10वीं के रोल नंबर, स्कूल बोर्ड का नाम और पास होने वाले साल को भी अपलोड होना चाहिए। 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड की थ्योरी मार्कशीट भी अपलोड करने का निर्दश दिया गया है। इसी आधार पर फाइनल रिजल्ट बनेगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रद्द कर दी थी परीक्षा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कोरोना महामारी के बीच बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने का फैसला किया था। सीबीएसई ने 13 सदस्यीय कमिटी बनाई थी जिसने मूल्यांकन की नीति तय की। मूल्यांकन नीति में तय किया गया है कि 10वीं का 30 फीसदी और 11वीं क्लास का 30 फीसदी मार्क्स लिया जायेगा। 12वीं बोर्ड की प्री बोर्ड परीक्षा, प्रैक्टिकल और यूनिट टेस्ट को मिलाकर 40 फीसदी अंक लिया जायेगा और रिजल्ट तैयार किया जायेगा।