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कृषि बिल का विरोध करने वाले किसानों पर दर्ज मुकदमा वापस लेगी तमिलनाडु सरकार, प्रस्ताव पेश

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

किसान, किसान बिल और किसान आंदोलन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने राज्य विधानसभा में ऐलान किया है कि बीते 1 साल के दरम्यान केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएंगे। 

तमिलनाडु विधानसभा में पेश हुआ प्रस्ताव
गौरतलब है कि तमिलनाडु विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इससे संबंधित एक प्रस्ताव भी पेश किया। इस प्रस्ताव में केंद्र सरकार से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया गया है। सदन के सभी सदस्यों ने भी ध्वनिमत से इस प्रस्ताव का समर्थन किया। सीएम ने कहा कि कृषि बिल को किसानों के हक में वापस लिया जाना चाहिए।

 

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का विरोध
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष केंद्र सरकार ने तीन कृषि बिल पास किया था। तीनों बिल को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि कृषि बिल उनके हक में नहीं है। इन नये कृषि कानूनों से उनकी जमीन और उत्पादन का हक कॉर्पोरेट घरानों के अधिकारक्षेत्र में चला जायेगा। किसान कह रहे हैं कि कृषि बिल के जरिए उनसे न्यूनतम समर्थन मूल्य का हक भी छीना जा रहा है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियां भी किसानों का समर्थन कर रही हैं। बिल वापस लेने की मांग कर रही है। 

कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसान
बता दें कि मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब के किसान इस कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब औऱ पश्चिमी यूपी सहित देश के अलग-अलग राज्यों के किसान नवंबर 2020 से ही दिल्ली की अलग-अलग सीमा जैसे की टीकरी बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर और गुरुग्राम के पास आंदोलन कर रहे हैं। कृषि बिल को लेकर काफी हंगामा हो चुका है। फिलहाल किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। बिल को लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सभी वार्ता असफल रही। किसान कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।