द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना की दूसरी लहर ने त्रासदी मचा दी है। इस मुश्किल घड़ी में लोगों को ऑक्सीजन (oxygen) की सबसे ज्यादा ज़रूरत पड़ी है। झारखण्ड के ऑक्सीजन से देश के 10 राज्यों के बीमार लोगों की जान बचायी जा रही है। अब झारखण्ड के ऑक्सीजन से पडोसी देश भी राहत की सांस ले सकेगा। बता दें कि 17 मई को ऑक्सीजन की पहली खेप (36 टन) नेपाल (Nepal) भेजी गई। साथ ही झारखंड अपने राज्य की जरूरत के अलावा पड़ोसी देश नेपाल व कई अन्य राज्यों के लोगों की मदद कर रहा है।
ऑक्सीजन टास्क फोर्स का गठन
बता दें की इस कार्य के लिए करीब 400 लोगों की टीम राज्य सरकार ने बनायी है। ऑक्सीजन टॉस्क फोर्स (Oxygen task force) गठन किया गया है। इसका नेतृत्व आइएएस अधिकारी जितेंद्र सिंह (IAS officer Jitendra Singh) कर रहे हैं। टीम के सदस्य ऑक्सीजन के निर्माण से लेकर आपूर्ति व अस्पतालों द्वारा हो रहे उपयोग पर भी नजर रख रहे हैं। इसके साथ ही टीम के सदस्य दूसरे राज्यों से मांगे जा रहे ऑक्सीजन की जरूरत को भी पूरा करने में लगे हुए हैं। ये काफी सराहनीय काम है।
800 टन से ज्यादा ऑक्सीजन की आपूर्ति
जानकारी के मुताबिक झारखंड से रोजाना 800 से 1000 टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों में भेजी जा रही है। वहीं झारखंड को 150-170 टन के बीच ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। करीब 900 टन के आसपास ऑक्सीजन का उत्पाद झारखंड में हो रहा है। 17 मई को झारखंड ने 816 टन ऑक्सीजन दूसरे राज्यों को भेजी। 106 टन ऑक्सीजन झारखंड सरकार ने उपयोग किया। ऑक्सीजन वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।