दफॉलोअप टीम : “तब्लीगी जमात के लोग कैसे डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों केसाथ अभद्रता से पेश आ रहे हैं. यह पूरा देश देख रहा है. न्यूज चैनलों पर यह लगातारदिखाया जा रहा है. मैंने अगर इसे ही अपने फेसबुक पोस्ट में लिख दिया तो इसमेंगुनाह क्या है”. बातचीत के दौरान सुशील कुमार अपने पक्ष में यह तर्क दे रहे थे.दरअसल सोशल मीडिया पर तब्लीगी जमात के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट के आरोप में झारखण्डके रामगढ़ जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी
सुशील कुमार सेशिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा है. द फॉलोअप की टीम से आगे बातचीत में उन्होंनेकहा कि मेरी मंशा किसी समुदाय के खिलाफ नहीं थी. लेकिन तब्लीगी समाज से जुड़े कुछलोग मानवता के खिलाफ खुद को पेश कर रहे हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.फ़िलहाल फेसबुक पर तब्लीगियों के विरुद्ध टिप्पणी इन्हें महंगी पड़ी है. स्कूलीशिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इसे सरकारी आचरण नियमावली के नियम तथा सरकार की नीतिके विरुद्ध बताते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई का निर्णय लिया है. विभाग के विशेषसचिव भीष्म कुमार ने इस आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण पूछा है. उन्होंनेफेसबुक में उनके द्वारा की गई टिप्पणी की प्रति भेजते हुए उसपर सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है. विशेष सचिव ने कहा है कि किसी सरकारी कर्मी से सोशल मीडियापर ऐसी टिप्पणी की अपेक्षा नहीं की जा सकती है.
विभागीयकार्रवाई के बाद पोस्ट को किया डिलीट विभागद्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सोशल मीडियाप्लेटफार्म से अपने पोस्ट को डिलीट कर लिया है. इसके बावजूद अभिव्यक्ति की आजादीको आधार बताकर वह खुद को सही बता रहे हैं. उन्होंने कहा कि विभाग से अबतक कोई पत्रनहीं मिला है. समय आएगा तो उचित मंच पर वह अपनी बात रखेंगे.