रांची- इतिहास गवाह है कि झारखंड
में जब-जब राज्यसभा का चुनाव हुआ है तब-तब कुछ न कुछ विवाद जरुर हुए हैं । इस बार
भी दो सीटों के लिए चुनाव हो रहा है लेकिन 3 दावेदार सामने आने के बाद से ही
मुकाबला दिलचस्प हो गया है । आंकड़ा और समीकरण अलग होने के बावजूद सभी अपनी-अपनी
जीत के दावे कर रहे हैं हालांकि इन तीनों में से एक की हार तय है और फिलहाल जो
आंकड़े हैं उसमें कांग्रेस प्रत्याशी शहजादा अनवर पिछड़ते नजर आ रहे हैं ।
27 वोट की है दरकार
दरअसल राज्यसभा की एक सीट
के लिए जो जरुरी वोट चाहिए वो है 27, फिलहाल झारखंड विधानसभा में दुमका और बेरमो
सीट खाली होने के बाद मौजूदा विधायकों की संख्या 79 है, जेएमएम के पास पहले से ही
29 विधायक हैं लिहाजा उसके प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत पक्की नजर आ रही है । बीजेपी
के पास भी फिलहाल 25 विधायक हैं । एक बाबूलाल मरांडी, दो आजसू और एक निर्दलीय
विधायक सरयू राय ने भी समर्थन का एलान किया है । सभी को जोड़ दें तो कुल विधायकों की संख्या हो
जाती है 29 जो कि जरुरती मतों से 2 ज्यादा है ।
ढुल्लू महतो डाल सकेंगे वोट
पहले ढुल्लू महतो के जेल
जाने के बाद ये सस्पेंस था कि क्या वो वोट डाल पाएंगे या नहीं लेकिन अब अदालत ने
उन्हें वोटिंग की इजाजत दे दी है जिससे बीजेपी उम्मीदवार की जीत का रास्ता तकरीबन
साफ हो गया है, इनके अलावा भी एक निर्दलीय विधायक अमित यादव हैं जो पहले बीजेपी के
टिकट पर ही चुनाव जीत चुके हैं लेकिन इस बार टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने बतौर
निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीता है । अमित यादव ने अबतक अपना पत्ता नहीं खोला है, कहा
जा रहा है कि आखिरी वक्त में राजनीतिक नफे नुकसान को देखते हुए वो अपना फैसला
लेंगे लेकिन जानकारों की माने तो फिलहाल उनका झुकाव भी बीजेपी प्रत्याशी दीपक
प्रकाश की ओर है ।
जादुई आंकड़े से दूर शहजादा
अनवर
कांग्रेस प्रत्याशी शहजादा
अनवर संख्या बल में फिलहाल पिछड़ते नजर आ रहे हैं क्योंकि 81 सदस्यीय विधानसभा में
कांग्रेस के 16 विधायक हैं जिनमें से एक बेरमो विधायक राजेन्द्र सिंह का निधन हो
गया है यानी अब कांग्रेस के पास महज अपने 15 विधायक हैं । इसके अलावा जेएमएम के
दो, जेवीएम से कांग्रेस में शामिल हुए प्रदीप यादव, बंधु तिर्की, एक राजद, दो
निर्दलीय, एक एनसीपी और एक भाकपा माले को भी जोड़ ले तो भी संख्या बल 22 तक जाकर
अटक जा रहा है । निर्दलीय विधायक अमित यादव को भी जोड़ लें तो भी संख्या 23 तक
पहुंचती है यानी किसी भी सूरत में ये जीत के जादुई आंकड़े को छूता नहीं दिख रहा है
हालांकि कांग्रेस अब भी अपनी जीत के दावे कर रही है ।
कहां से कांग्रेस लाएगी 5
विधायक ?
बड़ा सवाल है कि कांग्रेस 4
से 5 विधायक कहां से लाएगी ? क्या बीजेपी में सेंध
लगाएगी, अगर नहीं तो फिर जीत के दावे के क्या मायने हैं । सवाल ये भी है कि क्या
झारखंड फिर से अपना इतिहास दोहराएगा क्योंकि पहले भी आंकड़े पक्ष में नहीं होने के
बावजूद बीजेपी प्रत्याशी महेश पोद्दार ने आखिरी वक्त में बसंत सोरेन को शिकस्त
देकर बाजी मार ली थी हालांकि उस वक्त के समीकरण थोड़े अलग थे और जेएमएम के दो
विधायक वोट नहीं डाल पाए थे । उस वक्त भी विरोधी दल ने बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त
का आरोप लगाया था । महेश पोद्दार अब भी राज्यसभा की शोभा बढ़ा रहे हैं ।