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ठेले पर चना बेचने वाले इस बुजुर्ग को धोनी ने चुपके से क्यों दिया 35 हजार रुपये, पढ़िए इस अनटोल्ड स्टोरी को

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ऋषभ गौतम, रांची: 
क्रिकेट जगत के सरताज और रांची के राजकुमार महेंद्र सिंह धोनी को लेकर कई किस्से हैं। लेकिन आज हम आपको धोनी से जुड़ी एक ऐसी सच्ची कहानी बताएँगे जिसे सुनकर और पढ़कर आप भी कह उठेंगे कि सचमुच धोनी जमीन से जुड़े इंसान हैं। दरअसल धोनी रांची कॉलेज मैदान में चना बेचने वाले एक ठेले वाले महेंद्र वर्मा के ठेले पर 35 हजार रुपये कैश चुपके से रखकर चले गए। धोनी के जन्मदिन के अवसर पर महेंद्र वर्मा ने इस राज को खोला है। धोनी की इस रहम दिली को लेकर तरह-तरह की बात कही जा रही हैं। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि धोनी अपने संघर्ष के दिनों में चना वाले से चना खाने के बाद पैसा नहीं दिया करते थे। 



धोनी ने क्यों दिए 35 हजार जानिये वजह 
धोनी अपने संघर्ष के दिनों में धोनी रांची और आसपास के कई इलाकों में क्रिकेट खेलने जाते थे। रांची के मोरहाबादी स्थित रांची कॉलेज मैदान में धोनी ने कई ऐतिहासिक पारी खेली है। धोनी जब भी रांची कॉलेज मैदान आते थे, तो मैदान के बगल में चना बेचने वाले महेंद्र वर्मा का चना जरूर खाते थे। महेंद्र वर्मा दो दशक पीछे जाते हुए बताते हैं कि धोनी अक्सर अपने दोस्तों के साथ चना खाते थे। महेंद्र ने बताया कि सिर्फ धोनी ही नहीं बल्कि उस वक्त के जितने भी बड़े क्रिकेटर बने उन्होंने चना खाया। महेंद्र मुस्कुराते हुए कहते हैं कि उस वक्त धोनी के बाजू में इतनी ताकत थी कि उनके बल्ले से लगकर जो गेंद निकलती थी, उसे कोई हाथ नहीं लगाता था। महेंद्र वर्मा ने बताया कि धोनी जब बहुत फेमस हो गए तो मीडिया वाले उनसे जुड़ी हर चीज़ की रिपोर्टिंग करने लगे। इसी दौरान एक अख़बार में खबर छप गई कि धोनी ने रांची कॉलेज मैदान में चना बेचने वाले महेंद्र वर्मा का चना खाकर पैसा नहीं दिया है। महेंद्र वर्मा के अनुसार धोनी इसी खबर के बाद जब हॉकी स्टेडियम में मैच देखने आये तो गाड़ी से उतरे और चुपके से 35 हजार रखकर चले गए। महेंद्र वर्मा ने बताया कि वह कहते रहे कि उनका कोई बकाया नहीं है लेकिन पास खड़ी एक लड़की बोली की कोई मदद करे तो ले लेना चाहिए। इसलिए मैंने पैसा रख लिया। 



पैसा रखने की खबर सुनते ही कई पुलिस के अधिकारी भी ठेले पर पहुंचे 
महेंद्र वर्मा ने बताया कि जैसे ही यह खबर आसपास के लोगों को मिली धोनी ने ठेले वाले को पैसा दिया उसके बाद ठेले के पास भीड़ लग गयी। भीड़ हटाने के लिए पुलिस को आना पड़ा। महेंद्र ने बताया कि पुलिस के अधिकारी पूछने लगे कि कितना पैसा मिला है। उसके बाद पुलिस के सामने ही पैसा गिना गया तो पता चला कि 35 हजार रुपये हैंं। 



धोनी ने कभी उधार का नहीं खाया: महेंद्र 
महेंद्र वर्मा ने द फॉलोअप को बताया कि धोनी कभी भी बिना पैसा दिए चना नहीं खाये। वे जब भी चना खाये पैसा देकर। महेंद्र ने यह भी बताया कि उन्होंने किसी मीडिया को यह नहीं बताया था कि धोनी के पास कोई बकाया है फिर भी खबर छप गई। 



धोनी के पास मुझे जाना चाहिए लेकिन वे खुद आये, ये उनका बड़प्पन 
महेन्द्र चतरा जिला के हैं। लेकिन उनके पिताजी के रांची आने के बाद वो यहीं के ही हो कर  रह गए। कहा कि मैं 40 साल से चना बेचता हूँ। धोनी यहाँ से खेलकर बहुत बड़ा आदमी बन गए। अब तो धोनी के पास मुझे जाना चाहिए लेकिन धोनी का बड़प्पन है कि वे इतने बड़े आदमी बनने के बाद वे मेरे पास आये। धोनी अभी भी मुझे याद करते हैं यही मेरे लिए बड़ी बात है।



चना खाने के बाद मारा चक्‍का तो टंकी में पहुंच गई बॉल
धोनी 7 वीं के छात्र थे तब से वो महेंद्र के पास चना खाने आते थे। जब भी इस मैदान में धोनी खेलने आते थे, तब वो महेंद्र के ठेले से चना खाते थे। महेंद्र के पास धोनी  के बारे में बहुत से रोचक किस्से हैं, जो वो लोगों को बताते हैं और खुशी महसूस करते हैं। वर्मा बताते हैं कि किस तरह एक मैच से पहले धोनी ने उनसे चना खाया और जब बैटिंग के लिए उतरे तो इतनी जोर का चक्का मारा कि बॉल मैदान के पास के टंकी में चली गई थी। वो ये भी बताते हैं की धोनी के साथी खिलाडी जो उस वक़्त उनके साथ खेलते थे वो कहते थे, " इसका बॉल नै पकड़ेंगे वरना हाथ टूट जायेगा।"