द फॉलोअप टीम, नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर अपनी साफगोई पेश करते हुए कहा कि सरकारी पदों के लिए की जानेवाली भर्तियों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। मंत्रालय की तरफ से शनिवार को ट्वीट कर कहा गया कि एसएससी, यूपीएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड आदि के जरिए भर्तियां जैसे पहले होती थीं, उसी तरह की जाएंगी।
गैर-जरूरी खर्च घटाने को कहा गया था
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते बढ़ते राजकोषीय घाटे के और गहराने की आशंका के बीच सरकार ने शुक्रवार को सभी मंत्रालयों और विभागों से गैर-जरूरी खर्च घटाने को कहा था। ये भी कहा गया था कि परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा हो। साथ ही आयोजनों में कटौती की जाए और छपाई के लिए आयातित कागज का इस्तेमाल बंद करने की भी सलाह दी गई थी।
नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध लगाने का हुआ था एलान
सरकारी महकमों में नए पदों के सृजन के बारे में कहा गया था कि इन पर प्रतिबंध रहेगा। इस सर्कूलर के सामने आने के बाद वबाल मच गया। लोग सोशल मीडिया पर सरकार के प्रति रोष प्रकट करने लगे। तब केंद्र सरकार ने इसका संज्ञान लिया और वित्त मंत्रालय ने शनिवार को सफाई दी। ये ट्वीट मंत्रालय के व्यय विभाग की तरफ से 4 सितंबर को जारी किए गए सर्कुलर पर सफाई देने के मकसद से किया गया है।
पहले की तरह भर्तियां जारी रहेंगी
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के किसी भी पदों को भरने के लिए कोई पाबंदी नहीं है। यूपीएससी,एसएससी, आरएलवी भर्ती बोर्ड जैसी सरकारी एजेंसियां पहले की ही तरह भर्तियों को जारी रखेंगी। इसके साथ-साथ वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 4 सितंबर को जारी मंत्रालय के व्यय परिपत्र पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है। यह किसी भी तरह से भर्ती को होने से न तो रोकता है और न ही उसे रद्द करता है।
आखिर कैसे उड़ी नौकरियों पर प्रतिबंध की अफवाह
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के दौरान राजकोषीय घाटे में भारी वृद्धि की आशंका के कारण सभी मंत्रालयों/विभागों से गैर-जरूरी खर्चों को कम करने को कहा था। इसमें मंत्रालयों से परामर्शकों की नियुक्ति की समीक्षा करने, आयोजनों में कटौती करने और छपाई के लिए आयातित कागत का इस्तेमाल बंद करने की सलाह दी थी। इसी के बाद सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध होने की अफवाह शुरू हुई।