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कलांजलि: रांची में कल से तीन दिनों तक जमेगी शास्त्रीय संगीत की संगत

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द फॉलोअप टीम, रांची:
महीनों बाद रांची में सांस्‍कृतिक महफिल सजने जा रही है। कोरानाकाल के लॉकडाउन से थमी जिंदगी की रफतार को धीरे-धीरे गति मिलने की आस अब बढ़ गई है। ऑड्रे हाउस में तीन दिनों तक देशभर से जुटे फनकार शास्त्रीय संगत को परवान चढ़ाएंगे। कलांजलि नामक शास्त्रीय संगीत समारोह का आयोजन कला-संस्‍कृति विभाग करने जा रहा है। आगाज शुक्रवार शाम 5 बजे होगा। समापन की संध्या  28 फरवरी है। समारोह में 22 कलाकार शामिल होंगे। जानकारी सहायक निदेशक विजय पासवान ने दी है।


पहले दिन 26 फरवरी को पदमश्री पंडित सतीश व्याास का संतूर वादन होगा। विदुषी वी अनुराधा सिंह के कथक से श्रोता थिरकेंगे, तो उस्तारद गौहर खान की शहनाई झूमने पर विवश करेगी। पंडित सुप्रियो दत्ता6 का गायन होगा तो तबले पर संगत पंडिता अनुराधा पाल देंगे।

दूसरे दिन 27 फरवरी को पंडित आनंद मोहन पाठक और उस्ताधद मोहम्मद अमान का गायन होगा। सितार पंडित मोर मुकुट केडिया तो सरोद पर पंडित मनोज केडिया की उंगलियां झंकृत करेंगी। तबला सप्तरक की प्रस्तुुति उस्तांद सलीम अल्लााहवाले देंगे। वहीं पंडित रोजु मजूमदार और हृषिकेश मजूमदार की बांसुरी की धुन फिजा को सुरम्यि बनाएगी। आलोकपरना गुहा का कथक तो होगा ही।

अंतिम दिन 28 फरवरी की शाम राम यमन की बांसुरी, पंडित अंजन साहा के सितार, पंडित हिंडोल मजूमदार के तबले से सुरमई बनेगी। इसे शिखर पर पहुंचाएगा पंडित सोमनाथ राय का घटम और पंडित रामदास का पखावज। पंडित सतीश शर्मा और सानिया पढेंकर का गायन भी होगा।