द फॉलोअप टीम, रांचीः
रांची में हर साल तिब्बतियों के द्वारा गर्म कपड़े का बाजार लगाया जाता है। यह बाजार सर्कुलर रोड के पास लगाया जाता है, जिसे पोताला बाजार के नाम से जानते है। आज अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मार्केट परिसर में विश्व शांति के लिए पूजा अर्चना की गयी। यह आयोजन दलाई लामा की लंबी आयु के लिए किया गया। कार्यक्रम में तिब्बतियों और तिब्बत मुक्ति साधना को लोगों ने भाग लिया। तिब्बतियों पर चीनियों की क्रुरता बढ़ती जा रही है। ऐसे में तिब्बतियों द्वारा भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई जा रही है कि एक भारत ही है जो चीन पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दबाव बना सकता है।
भारत सरकार से मदद की गुहार
चीनीयों द्वारा किए जा रहें नरसंहार के लिए तिब्बतियों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई हैं। उनका कहना हैं कि चीनीयों ने तिब्बती लड़कियों से जबरन शादी कराके तिब्बतियों की जनसंख्या कम कर दी है। अकर आज महात्मा गांधी जीवित होते तो तिब्बतियों के साथ जरूर देते। हमारा हनन किया जा रहा है। बता दें कि तिब्बती क्षेत्र में चीनीयों की क्रूरता बढ़ती ही जा रही है। तिब्बत स्थित मठों एवं शैक्षणिक संस्थानों को ध्वस्त कर तिब्बती संस्कृति को समाप्त किया जा रहा है। दलाई लामा के बाद सबसे बड़े लामा, पंचेन लामा का 1995 में चीनीयों द्वारा अपहरण कर लिया गया। 26 वर्ष गुजर जाने के बाद भी पंचेन लामा की कोई जानकारी नहीं है।
तिब्बतियों की संख्या घट रही है
गौरतलब है कि दलाई लामा ने तिब्बत की समस्या को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है । उनके प्रयास से ही तिब्बत मुक्ति के अहिंसक आंदोलन को दुनिया भर में मान्यता मिली । उन्हे 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला। इसके बाबजूद तिब्बत में मानवाधिकार हनन बढ़ता जा रहा है। चीनीयों की शादी तिब्बती लड़कियों से जबरन कराकर तिब्बतियों की जनसंख्या के अनुपात को काफी कम कर दिया गया है।