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क्या है ईशनिंदा कानून!  क्यों 8 साल के बच्चे को हिरासत में लिया गया, हिंदू डर से क्यों कर रहे पलायन 

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द फॉलोअप टीम, डेस्क:

पाकिस्तान में इन दिनों हिन्दू समुदाय के लोगों के बीच डर का माहौल है। यहां पंजाब प्रान्त के हिन्दुओं में इतना दहशत भर गया है कि लोग पलायन करने पर मजबूर हैं।  कुछ दिन पहले भी हमने एक खबर प्रकाशित की थी जिसमे बताया गया था कि पंजाब प्रान्त में हिन्दू मंदिरों के साथ तोड़-फोड़ की जा रही है। ये उन्माद फैलने का कारण 8 साल के बच्चे को बताया जा रहा था।

 

आज हम यहां ईशनिंदा कानून की बात करेंगे, आखिर यह है क्या। दरअसल इन दिनों ईशनिंदा शब्द इसलिए उजागर हुआ है क्योंकि ईशनिंदा कानून के नाम पर पाकिस्तान में ज्यादतियां बढ़ती जा रही है।  8 साल के हिंदू बच्चे को ईशनिंदा कानून के तहत ही पुलिस ने हिरासत में लिया है। पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी छोटे बच्चे पर इस कानून को लगाया गया है। कट्टरपंथियों के डर से बच्चे के परिवार वाले कहीं छिप गए हैं। पूरे परिवार को जान का खतरा हो गया है।

हिन्दू मंदिर में की गई तोड़फोड़ 
बच्चे पर आरोप लगाया गया है कि उसने मदरसे की लाइब्रेरी में किताबों पर पेशाब किया है। कट्टरपथिंयों के उन्माद को देखते हुए पुलिस ने बच्चे को पकड़ लिया था लेकिन हफ्ते भर में उसे जमानत दे दी थी। बच्चे के रिहा होते ही एक हिन्दू मंदिर में जम कर तोड़फोड़ की गई। इलाके के अधिकांश हिन्दू परिवार पलायन कर गए हैं। पंजाब प्रांत इलाके मेंबड़ी संख्या में सेना तैनात की गई है। आरोपित बच्चे के परिवार ने बताया कि बच्चे को यह भी नहीं पता है कि ईशनिंदा क्या होता है। उसे उसका अपराध तक नहीं पता और उसे जेल में क्यों रखा गया है यह भी वह नहीं जानता। 

150 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज 
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में के हिंदू मंदिर पर भी के बाद आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर लिया है। करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 150 से ज्यादा लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शुक्रवार को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने हमले को रोकने में नाकाम हुए पुलिस अधिकारियों को डांट लगायी गयी और जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई शुरू कर दी और गिरफ्तारी शुरू कर दी। 

क्या होता है ईशनिंदा कानून 
बच्चे के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चे पर झूठा आरोप लगाया गया है। परिवार के लोग कहीं छिपे हुए हैं। पूरा हिन्दू समुदाय दहशत में है।  बच्चे को ईशनिंदा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था। आखिर क्या होता है ईशनिंदा।  दरअसल विभिन्न देशों में ईशनिंदा से सम्बंधित क़ानून भी बने हुए हैं जिसके तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी पूजा करने की चीज़ या जगह को नुक़सान या फिर धार्मिक सभा में व्यवधान डालता या कोई किसी की धार्मिक भावनाओं का अपमान बोलकर या लिखकर या कुछ दृश्यों से करता है तो वो ग़ैरक़ानूनी माना जाता है और इसके लिए निश्चित सज़ाओं का प्रावधान होता है। ईशनिंदा शब्द दो शब्दों - ईश अर्थात ईश्वर तथा निंदा के मेल से बना है। इसलिए इसका अर्थ बनता है ईश्वर कि निंदा। ईशनिंदा एक दंडनीय अपराध होता है।