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वामदल उवाच : 'IAS कैडर में प्रस्तावित संशोधन देश के फेडरल स्वरूप पर हमला' 

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रांची:

केंद्र सरकार ऐसा नियम लाने जा रही है कि राज्य सरकार केंद्र के बुलाने पर किसी भी IAS अफसर को भेजने से मना नहीं कर सकेगी। केंद्र सरकार 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में इस संशोधन को पेश कर सकती है। जिसका विरोध झारखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सरकार ने किया है। आज झारखंड में सक्रिय वामदलों ने भी इस संबंध में अपना पक्ष व्यक्त किया है।

 

क्या कहा है वाम दलों ने

वामदलों ने केंद्र सरकार द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) के कैडर नियमावली (रुल्स) 1954 मे किए जा रहे प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया है। एक संयुक्त वक्तव्य में वामदलों ने केंद्र सरकार की इस कार्रवाई को देश के फेडरल ढांचे के अंतर्गत राज्यों को मिले अधिकारों का अतिक्रमण बताया है। इस संशोधन के बहाने केंद्र सरकार राज्यों की सहमति के बिना भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति कर सकती है।

 

झारखंड में पहले से ही कमी

भाकपा के भुवनेश्वर मेहता, भाकपा माले मनोज भक्त और माकपा के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव की ओर से बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा कि केंद्र सरकार यह मनमाना कदम उठाकर राज्यों के प्रशासनिक ढांचे को पंगु बनाने की साजिश कर रही है। एक ओर झारखंड जैसे राज्य आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की कमी से जूझ रहें है, वैसे समय मे केंद्र सरकार द्वारा प्रतिनियुक्ति का मनमाना अधिकार अपने हाथ मे ले लेना  देश के संघीय ढांचे के अनुरूप नहीं है।