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15 जनवरी बिहार के लिए बेहद अहम, मंडरा रहा भूकंप का खतरा; 1934 जैसी हो सकती है तबाही

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द फॉलोअप डेस्कः
7 जनवरी को भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इनमें बिहार, बंगाल और असम शामिल हैं। बिहार के 9 जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि जान माल का नुकसान नहीं हुआ है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में छपी खबर के मुताबिक 15 जनवरी तक बिहार समेत राज्य के दूसरे हिस्सों में फिर से भूकंप के झटके महसूस किए जा सकते हैं। भूकंप आने के बाद उन्हीं क्षेत्रों में जब दोबारा भूकंप आता है तो उसे आफ्टरशॉक कहा जाता है।
 बिहार में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। 1934 में आए भयानक भूकंप की यादें आज भी ताजा हैं। यह भूकंप इतना जबरदस्त था कि कई शहरों में आज तक इसके निशान देखे जा सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठ जिले सबसे खतरनाक जोन पांच में हैं। इसलिए, बिहार को बेहतर आपदा प्रबंधन की सख्त जरूरत है। 


1934 में आया सबसे विनाशकारी भूकंप
साल 1934 में आया भूकंप बिहार के इतिहास का सबसे खौफनाक भूकंप था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 8.4 मापी गई थी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पूरे राज्य में इस भूकंप की वजह से 7253 लोगों की मौत हुई थी। इसमें दरभंगा में 1839, मुजफ्फरपुर में 1583 और मुंगेर में 1260 लोगों की मौत हुई। उत्तर बिहार का एक शहर राजनगर तो पूरा खंडहर में बदल गया। इसे आज भी खंडहरों का शहर कहा जाता है। इस भूकंप के बाद राहत बचाव के लिए फंड जुटाने के लिए महात्मा गांधी बिहार आए थे।