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8 साल बाद इंटर साइंस का रिजल्ट घोषित करने पर, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर लगा 5 लाख का जुर्माना

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द फॉलोअप डेस्क

पटना उच्च न्यायालय ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) पर एक बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने 8 साल बाद इंटर साइंस का रिजल्ट घोषित करने पर परीक्षा समिति पर जुर्माना लगाया है। अदालत ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को 5 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, अगर जुर्माना राशि तीन माह के भीतर नहीं दी जाती है, तो छात्रा को मुकदमेबाजी के लिए 20 हजार रुपये देने होंगे।
हाईकोर्ट का फैसला:
बुधवार को पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, जस्टिस पीबी बजनथ्री और जस्टिस सुनील दत्त मिश्रा की खंडपीठ ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सचिव की ओर से दायर अपील पर यह आदेश दिया। इससे पहले, सिंगल बेंच ने इंटर साइंस 2012 का रिजल्ट 4 जुलाई 2020 को देने पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। समिति ने इस फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी, जिसके बाद खंडपीठ ने जुर्माने की राशि को घटाकर 5 लाख रुपये कर दिया।
बीएसईबी की दलील:
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि परीक्षा के सात साल बाद इस मामले में केस दायर किया गया। समिति का कहना था कि रिजल्ट जारी न किए जाने से छात्रा को किस प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा, इस बात का याचिका में कोई उल्लेख नहीं था। बीएसईबी ने यह भी कहा कि उन्होंने इस मामले की जांच के लिए एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया था और औसत अंक के आधार पर रिजल्ट जारी करने का निर्णय लिया था। इसके अलावा, समिति ने बताया कि जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी और विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है।
इस फैसले का असर:
यह मामला बिहार के शिक्षा व्यवस्था में देरी से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करता है और छात्रों को उनके अधिकारों के लिए न्याय मिलने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ता है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इस फैसले के बाद छात्रा को न्याय दिलाने के लिए आदेश दिया गया है, जो परीक्षा में अनावश्यक देरी की वजह से प्रभावित हुई थी।
 

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