द फॉलोअप डेस्क
नई वित्तीय वर्ष के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है। इसके तहत भगवान बुद्ध से जुड़े सभी प्रमुख स्थलों के विकास की योजना बनाई गई है। इस योजना के अंतर्गत बिहार के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल जैसे गया, बोधगया, राजगीर, वैशाली और केसरिया को विशेष रूप से विकसित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके साथ ही उन छोटे-छोटे स्थानों का भी विकास किया जाएगा, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं और जो वर्तमान में पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाए हैं।जानकारी हो कि बुद्ध सर्किट के रूप में जाना जाने वाला यह मार्ग नेपाल के लुंबिनी से शुरू होता है। यह बुद्ध के जन्मस्थल के रूप में प्रसिद्ध है और कुशीनगर तक फैला है, जो उनके महापरिनिर्वाण का स्थल है। बता दें कि इस सर्किट में बोधगया का स्थान विशेष महत्व रखता है, जहां बुद्ध ने बोधि वृक्ष के नीचे तपस्या कर ज्ञान प्राप्त किया था। यह पवित्र वृक्ष आज भी मौजूद है और महाबोधि मंदिर के रूप में एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। बोधगया में हर साल परमपावन दलाई लामा और विश्वभर के बौद्ध अनुयायी कालचक्र पूजा में भाग लेने आते हैं।विष्णुपद मंदिर और महाबोधी मंदिर कॉरिडोर
इसके साथ ही राजगीर का वेणु वन भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान है, जहां बुद्ध अपने शिष्यों को प्रवचन देते थे। बोधगया से राजगीर तक एक पवित्र रास्ता है, जिस पर बुद्ध स्वयं चलते थे। केंद्रीय बजट में, बिहार के कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को शामिल किया गया है, जिनमें गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधी मंदिर कॉरिडोर का विकास भी शामिल है। इन कॉरिडोरों को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हो सके।
तीर्थस्थल के रूप में होगा राजगीर और नालंदा का विकास
बताया जा रहा है कि राजगीर को हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें जैन के 20वें तीर्थंकर मुनि सुवर्ता के मंदिर का विकास भी शामिल है। नालंदा के ऐतिहासिक खंडहरों को संरक्षित करते हुए उसे एक प्रमुख पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
वैश्विक स्तर पर मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा
इस पूरे विकास का उद्देश्य देश में वैश्विक स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देना, निवेश को आकर्षित करना और स्थानीय रोजगार एवं आर्थिक संभावनाओं को बढ़ाना है। यह योजना पहले के अंतरिम बजट में भी प्रस्तुत की गई थी और इस बार के आम बजट में इसे विस्तार से लागू किया जाएगा।