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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चूड़ा-दही भोज में बुलाकर खुद गायब रहे चिराग पासवान, मकर संक्रांति पर हुआ खेला

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द फॉलोअप डेस्कः

आज दही चूड़ा खाने का दिन है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया है। चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी चूड़ा दही खाने का न्योता दिया था। बस फिर क्या था मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी चूड़ा दही खाने पहुंच गये। लेकिन ये क्या, चिराग पासवान तो वहां थे ही नहीं। ये तो वही वाली बात हो गई न्योता देकर विजय गायब कर देना। बताईए मुख्यमंत्री को भोज में आमंत्रित कर खुद केंद्रीय मंत्री जी गायब हो गये। ये तो कोई बात ना हुई। सोचिए मुख्यमंत्री जी भी सुबह सुबह मूड बनाकर निकले होंगे कि आज बढ़िया सा चूड़ा दही नाश्ता करने को मिलेगा लेकिन यहां तो सारे शौक पर पानी फिर गया। हालांकि ये बात मुख्यमंत्री जी को अच्छी ना लगी। वह भी बस थोड़ी देर वहां रुके और बिना चूड़ा दही खाए निकल गये। अब बताईए भला जिसने आमंत्रित किया हो वही वहां ना रहे तो मुख्यमंत्री जी से कैसे खाया जाता भला। 


दरअसल लोजपा (रामविलास) के चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मकर संक्रांति के मौके पर पटना स्थित कार्यालय में दही-चूड़ा का भोज दिया है। भोज में गठबंधन के सभी नेताओं को आमंत्रित कर चिराग पासवान खुद भोज से गायब रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भोज में शामिल होने के लिए पहुंच गए लेकिन चिराग वहां नहीं पहुंचे और बाद में मुख्यमंत्री थोड़ी देर के बाद वहां से रवाना हो गए। चिराग ने इस भोज में गठबंधन के सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया। चिराग पासवान इस दही-चूड़ा भोज के जरिए एनडीए की एकजुटता दिखाने की तैयारी में थे लेकिन खुद ही गायब हो गये। चिराग के बुलावे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मकर संक्रांति के दिन उनके दही-चूड़ा भोज में शामिल होने के लिए पहुंच गए। मुख्यमंत्री के साथ जेडीयू कोटे के मंत्री विजय कुमार चौधरी के अलावा पार्टी के कुछ नेता मौजूद थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के कार्यालय पहुंचे लेकिन चिराग पासवान खुद वहां मौजूद नहीं थे। पार्टी के नेताओं ने सीएम का स्वागत किया जबकि सीएम का स्वागत चिराग पासवान को करना चाहिए था। 


मुख्यमंत्री जब पहुंचे उस समय चिराग पासवान मौजूद नहीं थे। सीएम नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की और वहां से रवाना हो गए। हालांकि बाद में चिराग के प्रवक्ताओं की तरफ से बताया गया कि दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमरा को 11 बजे का समय दिया गया था लेकिन वह समय से पहले पहुंच गये थे। इसलिए चिराग से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। बता दें कि बिहार की राजनीति में मकर संक्रांति का खास महत्व रहा है। बिहार में इस दिन सियासी समीकरण बिगड़ते और बनते हैं।