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बिहार : जदयू के पूर्व प्रवक्ता ने की संविधान से 'सेकुलर' शब्द हटाने की मांग, कहा- संभल जाओ सब लोग

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डेस्क:
जदयू के पूर्व प्रवक्ता और पेशे से डॉक्टर अजय अलोक(Ajay alok) ने भारतीय संविधान(Indian constitution) से ‘सेकुलर’ शब्द हटाने की मांग की है। अजय आलोक ने देश के प्रधानमंत्री से बड़ी मांग करते हुए कहा है कि मेरी और मेरे साथ पूरे भारत के लोगों की अपील है कि इसी मॉनसून सत्र में विपक्ष की मौजूदगी में संविधान से ”सेकुलर”(Secular) शब्द नाम का कलंक हटा दिया जाए। उन्होंने ऐसा करके संविधान निर्माता कहे जाने वाले डॉ भीम राव आंबेडकर(BR ambedkar) को श्रद्धांजलि देने की बात कही है। 

ट्विटर पर पीएम को टैग कर की मांग, कहा- इस देश में कोई सेक्युलर नहीं  
अजय आलोक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर अपने ट्वीट को पीएमओ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए लिखा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘सेकुलर’ शब्द संविधान में विपक्ष की गैरमौजूदगी में जोड़ा गया था, मगर उनकी मौजूदगी में हटा दीजिए। पूरा देश देखना चाहेगा कि इस शब्द को हटाने का विरोध कौन कर रहा है। ऐसे लोगों को खुलकर सामने आना चाहिए। अजय आलोक ने कहा कि इस देश में कोई ‘सेकुलर’ नहीं है। सभी अपने धर्म में आस्था रखते हैं और पूजा, इबादत, प्रार्थना करते हैं। सिर्फ कट्टरवादी चाहते हैं सेकुलरिज्म की आड़ में दूसरे धर्म के लोगों को निशाना बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें पहले निशाने पर हिंदू हैं। जो दूसरे धर्म का सम्मान करते हैं, संभल जाओ सब लोग।

आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा गया था 'सेक्युलर' शब्द
अजय आलोक ने संविधान में ‘सेकुलर’ शब्द आपातकाल के दौरान जोड़े जाने की चर्चा की। उन्होंने ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना जब तैयार की गई थी तो शुरुआत में इसमें सेकुलर शब्द नहीं था। वर्ष 1976 में इमरजेंसी के दौरान प्रस्तावना में संशोधन किया गया, जिसमें ‘सेकुलर’ शब्द को शामिल किया गया। जिस समय संविधान में ‘सेकुलर’ शब्द जोड़ा जा रहा था उस समय विपक्ष सदन में नहीं था। विपक्ष की गैरमौजूदगी में तत्कालीन सरकार ने इसे संविधान में जोड़ा था।

मुद्दे पर सत्ताधारी दल आये आमने- सामने
अजय अलोक की मांग पर बिहार में सत्ताधारी दल जदयू और बीजेपी आमने-सामने है। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल का कहना है कि तुष्टिकरण की राजनीति के लिए संविधान में ‘सेकुलर’ शब्द जोड़ा गया था। उन्होंने अजय अलोक से सहमती जताते हुए इस शब्द को जल्द से जल्द हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसी में देश और समाज की भलाई है। वही सत्ताधारी दल जदयू को इस बात पर आपत्ति है कि संविधान से ‘सेकुलर’ शब्द हटाया जाए। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि संविधान में जब ‘सेकुलर’ शब्द को संविधान से हटाने की कोई जरूरत नहीं है।