द फॉलोअप डेस्क
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे नवादा के पूर्व विधायक और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली नेता राजवल्लभ यादव को एक बार फिर 15 दिनों की पैरोल मिल गई है। गृह विभाग के कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय ने उनकी पैरोल को मंजूरी दे दी है। यह पैरोल बेऊर जेल में बंद राजवल्लभ यादव के जेल से बाहर आने की तिथि से प्रभावी होगी। जेल आईजी प्रणव कुमार ने आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर के जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर इस संबंध में सूचित किया है। पैरोल की मंजूरी उनके द्वारा दिए गए तीन कारणों के आधार पर दी गई है जिसमे उनकी वृद्ध मां की बीमारी, स्वयं के इलाज के लिए आवश्यकता और पुश्तैनी जमीन के भाइयों के बीच बंटवारे से संबंधित कार्य संबंधित है।
कौन हैं राजवल्लभ यादव?
राजवल्लभ यादव की पहचान नवादा के बाहुबली नेता के रूप में रही है। साल 2016 में एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की ने उनके खिलाफ दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया था। लड़की ने बताया था कि 6 फरवरी 2016 को जन्मदिन की पार्टी के बहाने उसे एक बोलेरो गाड़ी से एक घर में ले जाया गया, जहां उसे नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म किया गया।
शुरुआती दिनों में यह मामला ठंडे बस्ते में रहा, लेकिन जब विवाद गहराया तो राजवल्लभ यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया। मामले की सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय में 20 गवाहों ने गवाही दी थी, जिसके आधार पर उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
अगस्त 2023 में भी मिली थी पैरोल
यह पहला मौका नहीं है जब राजवल्लभ यादव को पैरोल मिली हो। अगस्त 2023 में भी उन्हें 15 दिनों का पैरोल दिया गया था। उस समय भी उन्होंने मां की तबीयत खराब होने का हवाला देते हुए जेल प्रशासन से पैरोल की मांग की थी, जिसे स्वीकृति मिल गई थी।
बेऊर जेल प्रशासन के मुताबिक, वह 6 अगस्त 2023 को जेल से बाहर आए थे और 22 अगस्त तक पैरोल पर रहे थे। राजवल्लभ यादव की पैरोल को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है।