द फॉलोअप डेस्क
बिहार में संभावित बाढ़ और वर्षा जनित आपदाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने दो महत्वपूर्ण बाढ़ सुरक्षा योजनाओं को प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति दे दी है। इन योजनाओं पर कुल 51.90 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को बताया कि वर्षा-बाढ़ के मौसम से पहले संवेदनशील क्षेत्रों में कटाव रोकने और तटबंधों को सुदृढ़ करने का काम प्राथमिकता पर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पश्चिम चंपारण जिले के पुछरिया और भागलपुर जिले के मसाढ़ू गांव में सुरक्षात्मक कार्य कराए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दोनों योजनाएं जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार की गई हैं और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDRF) से इनका वित्त पोषण किया जाएगा।
पहली योजना के तहत पश्चिम चंपारण के पुछरिया गांव में चंपारण तटबंध के पास कटाव रोकने और पायलट चैनल का निर्माण किया जाएगा, जिसकी अनुमानित लागत 24.85 करोड़ रुपये है।
दूसरी योजना भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड के मसाढ़ू गांव में गंगा नदी के दाहिने तट पर सुरक्षात्मक कार्यों से जुड़ी है, जिसकी लागत 27.04 करोड़ रुपये आंकी गई है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी तकनीकी और वित्तीय प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं। कार्य प्रारंभ करने से पहले संबंधित भूमि या पथ का विधिवत हस्तांतरण सुनिश्चित किया जाएगा और पूर्व में हुए कार्यों की डिफेक्ट लाइबिलिटी अवधि (DLP) की समाप्ति भी देखी जाएगी।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जून-जुलाई से पहले इन स्थलों पर निर्माण कार्य शुरू हो जाए ताकि संभावित बाढ़ के खतरे से पहले लोगों को राहत मिल सके।