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पहले नहीं मांगा था ये सर्टिफिकेट, अब मांग रहे; बिहार में हजारों पुलिस अभ्यर्थी उतरे सड़क पर

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द फॉलोअप डेस्क 
पटना के गर्दनीबाग में हजारों अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए हैं। उनका आरोप है कि जुलाई 2023 में जारी सिपाही भर्ती विज्ञापन में EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) और NCL (नॉन क्रीमी लेयर) सर्टिफिकेट की कोई शर्त नहीं थी। लेकिन अब परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद इन सर्टिफिकेट्स की मांग की जा रही है। 

क्या है अभ्यर्थियों की नाराजगी
अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन के समय इन सर्टिफिकेट्स की जरूरत नहीं बताई गई थी, इसलिए उन्होंने इन्हें बनवाने की जरूरत नहीं समझी। अब, जब परीक्षा प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और परिणाम आ चुके हैं, अचानक केंद्रीय चयन पर्षद (CCC) द्वारा 2022 के EWS और NCL सर्टिफिकेट मांगना अनुचित है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि सर्टिफिकेट बनवाने में समय और पैसा लग रहा है, जो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। कई अभ्यर्थी इसे बनवाने में असमर्थ हैं, जिससे उनका भविष्य अधर में लटक गया है।

लाखों अभ्यर्थी प्रभावित
CCC की नई शर्तों से 35,000 से 40,000 अभ्यर्थी प्रभावित हो रहे हैं। बिहार पुलिस के 21,391 पदों पर निकली इस भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों का 9 दिसंबर से फिजिकल टेस्ट होना है। अभ्यर्थियों के समर्थन में शिक्षक, छात्र नेता और फिजिकल ट्रेनिंग कोच भी उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने सरकार से मांग की है कि सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा वे धरना जारी रखेंगे। अभ्यर्थियों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उनका मानना है कि यह फैसला न सिर्फ गलत है, बल्कि उनकी मेहनत पर भी पानी फेरने जैसा है।


 

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