द फॉलोअप डेस्क
झारखंड सरकार ने कोयले पर सेस बढ़ा दिया है, जिसके कारण बिजली उत्पादन लागत में वृद्धि हो सकती है। राज्य सरकार ने कोयले पर प्रति टन वसूला जाने वाला सेस 100 रुपये से बढ़ाकर 250 रुपये कर दिया है। इस वृद्धि से प्रति यूनिट बिजली उत्पादन लागत में 0.09 रुपये (नौ पैसा) की वृद्धि हो सकती है, जो अंततः बिजली उपभोक्ताओं पर असर डालेगी।
बिजली उत्पादन से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन की लागत कोयले की कीमत, ढुलाई, प्लांट की क्षमता और अन्य कारकों पर निर्भर करती है। एक किलोवाट बिजली उत्पादन में औसतन 600 से 700 ग्राम कोयले की खपत होती है। इस हिसाब से, एक टन कोयले में 1400 से 1650 यूनिट तक बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।
कोयले की कीमत में 100 रुपये प्रति टन का इजाफा होने पर उत्पादन लागत में प्रति यूनिट छह से सात पैसे की वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा सेस में 150 रुपये की बढ़ोतरी के कारण उत्पादन लागत में प्रति यूनिट नौ पैसे का इजाफा होगा। इस बदलाव से बिजली की कीमतों में हल्का इजाफा हो सकता है।