द फॉलोअप डेस्क
बिहार के नालंदा जिले से एक दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। चंडी थाना क्षेत्र के बहादुरपुर गांव में 25 वर्षीय अज्ञात महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई है। शव को देखने से यह प्रतीत होता है कि महिला की बेरहमी से हत्या की गई, फिर शव को सड़क किनारे खेत में फेंक दिया गया। स्थानीय लोगों ने शव को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पहचान की कोशिश शुरू कर दी है।
शव की पहचान नहीं हो सकी
अभी तक शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है। मृतक महिला नाइटी पहने हुए पाई गई थी, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि हत्या से पहले उसके साथ अमानवीय अत्याचार किया गया। सबसे भयावह बात यह है कि महिला के दोनों पैरों में 10 कीलें ठोंकी गई थीं, जिससे हत्या की बर्बरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके अलावा महिला के हाथ में बैंडेज भी पाया गया।
पुलिस का बयान
घटना की सूचना मिलते ही चंडी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू की। शव की पहचान करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब तक महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया है और उसे मरचुरी में रखा गया है ताकि पहचान की जा सके। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि महिला की हत्या किस कारण से की गई है।
तेजस्वी यादव का बयान
इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा है। उन्होंने विधानसभा में भी इस मामले को उठाया और अपने एक्स हैंडल पर लिखा, "महिला अत्याचार और उत्पीड़न में बिहार शीर्ष राज्यों में है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शर्म है कि आती ही नहीं। उनके गृह जिला में घटित इस रूह कंपकंपाने वाले वीभत्स कांड और दरिंदगी से भी अगर किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता तो वह इंसान है नहीं।"
बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध
बिहार सरकार की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023-24 में महिलाओं के खिलाफ करीब 8,002 अपराध के मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 5,615 मामले घरेलू हिंसा के थे। बाकी मामलों में बलात्कार, यौन उत्पीड़न, दहेज, तस्करी और साइबर अपराध शामिल थे।
नए ओएससी खोलने का फैसला
महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को देखते हुए बिहार सरकार ने हाल ही में 11 नए वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) खोलने का फैसला लिया है, जिससे महिलाओं को तुरंत मदद मिल सकेगी। फिलहाल बिहार में 39 ओएससी सेंटर संचालित हो रहे हैं, और पूरे राज्य में 140 प्रोटेक्शन अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे।