द फॉलोअप डेस्क
पटना हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद दरभंगा के बिरौल स्थित कुशेश्वर धाम मंदिर के प्रबंधन के लिए न्यास समिति का गठन नहीं किया गया है। इस पर कोर्ट ने गंभीर नाराजगी जताई है। इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजीव रॉय की एकलपीठ ने दरभंगा के जिलाधिकारी से जवाब-तलब किया।
जारी किए गए दिशा-निर्देश
बता दें कि पिछले साल 23 जुलाई को हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया था। इसके तहत बिहार राज्य के सभी सार्वजनिक हिंदू धार्मिक न्यासों के उचित प्रबंधन और संरक्षण के लिए स्थाई न्यास समिति गठित करने के दिशा-निर्देश जारी किए थे। इस आदेश के अनुसार न्यास समिति के सदस्य और पदाधिकारी बनने के इच्छुक व्यक्ति को संबंधित जिलाधिकारी के पास आवेदन देना होता है। जिलाधिकारी को इन आवेदकों के आपराधिक इतिहास की जांच करनी होती है और केवल स्वच्छ छवि के उम्मीदवारों की सूची धार्मिक न्यास बोर्ड को दी जाती है। इस सूची के आधार पर ही न्यास समिति का गठन किया जाता है।
वकील ने क्या बताया
इस मामले में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील पंकज कुमार झा ने अदालत को बताया कि दरभंगा के जिलाधिकारी ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसके अलावा कोर्ट को यह भी बताया गया कि कुशेश्वर धाम के पुराने न्यास समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार भारती मनमाने तरीके से न्यास समिति के सदस्य बनाने के लिए अभ्यर्थियों की सूची भेज रहे हैं। इस पर अदालत ने इसे प्रथम दृष्टया अवमानना मानते हुए उमेश कुमार भारती को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है।
होली के बाद होगी अगली सुनवाई
इस मामले में अगली सुनवाई होली के बाद तय की गई है। इसमें राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से वरीय अधिवक्ता गणपति त्रिवेदी ने अदालत में अपना पक्ष रखा।