पटना
पटना में BPSC अभ्यर्थियों का विरोध-प्रदर्शन उस वक्त तनावपूर्ण हो गया जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और उन्हें जेपी गोलंबर से हटा दिया। ये अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे थे। आज उन्होंने गांधी मैदान से मार्च शुरू किया, उम्मीद थी कि उनकी बात सरकार तक पहुंचेगी। हालांकि, रास्ते में पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ते रहे। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब जेपी गोलंबर पर पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इससे पहले, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर पटना के गांधी मैदान पहुंचे। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी BPSC अभ्यर्थियों की ओर से यहां छात्र संसद लगायी गयी। वहां पीके ने कहा, आपका जो निर्णय रहेगा उसपर मेरी सहमति है। यदि आप चाहेंगे कि मार्च आज ही निकाला जाए तो हम मार्च पर आज जाएंगे। अगर आप चाहते हैं कि हम धरने पर बैठे तो हम उसमें भी तैयार हैं। आपका नेतृत्व ये निर्णय ले और तुरंत बताया जाए क्या करना है। इसके बाद मार्च निकालने का फैसला लिया गया, जिसमें हजारों की संख्या छात्र शामिल हुए।
बता दें कि पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में बीपीएसी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन ने सुर्खियां बटोरीं। जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद छात्र संसद के आयोजन के लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मैदान में जुटे। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के समर्थन में पहुंचे इन छात्रों ने अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया।
प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए छात्र संसद की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने गांधी मैदान में नारेबाजी की और अपनी मांगों को दोहराया। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई और गांधी मैदान के अधिकांश गेट बंद कर दिए गए। सिर्फ 6 नंबर गेट खुला रखा गया, जिससे आने-जाने में लोगों को खासी परेशानी हुई। कई प्रदर्शनकारी बाउंड्री फांदकर मैदान में घुसते देखे गए।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांग थी कि 70वीं बीपीएसी परीक्षा को रद्द किया जाए और फिर से आयोजित किया जाए। छात्रों ने आरोप लगाया कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। इस विरोध प्रदर्शन में महिला अभ्यर्थियों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।