पटना:
परीक्षाओं के बाद काॅपी जांच करते हुए शिक्षकों को तरह-तरह के नोट मिलने की खबर हमेशा मिलती रही है। लेकिन बिहार में परीक्षा मैट्रिक की हो या इंटर या ग्रेजुएशन की हो, उस दौरान के कई तरह के रोचक किस्से सुनने को मिलते रहे हैं। इसमें कदाचार के नए से नए ढंग के अलावा पास करने के जुगाड़ की भी चर्चा होती रही है।
यह खबर बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के ग्रेजुएशन पार्ट थ्री की हुई परीक्षा की है। कुल 55 हजार परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। उनकी कॉपियों की जांच की जा रही है। इस दौरान किसी कॉपी पर लिखा मिला, ‘प्लीज पास कर दीजिएगा साथ ही 'कॉल मी सर, अर्थशास्त्र की बाकी बातें फोन पर होंगी।’ किसी छात्र ने लिखा था, ‘सर, हमारी पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी और स्मार्ट फोन घर में नहीं होने के कारण हम पढ़ नहीं सकें, पास कर दीजिएगा, इसी रिजल्ट पर मेरा भविष्य टिका है।'
परीक्षक बताते हैं कि 'इस बार की कॉपियां जांचने के दौरान यह बात समझ में आयी है कि कोरोना महामारी ने शिक्षा को बुरी तरह प्रभावित किया है। कॉपियों में जवाब बेहद निराशाजनक हैं, जो इशारा कर रहे हैं कि विद्यार्थियों ने पढ़ाई ठीक से नहीं की है। वहीं कई कॉपियों में परीक्षार्थियों ने अलग से नोट भी लिखा है। वहीं परीक्षक ने बताया कि एक कॉपी में एक छात्र ने आधे-अधूरे जवाब लिखे थे लेकिन अपना मोबाइल नंबर बड़े अक्षरों में लिखा था।