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मनोरंजन : वेबसीरीज रंगबाज-3 का क्या है झारखंड कनेक्शन, पढ़िए! पर्दे के पीछे की कहानी

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रांची: 

सिनेमाई पर्दे पर झारखंड और झारखंडी पहचान हर दिन बढ़ती जा रही है। इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है।  नई रिलीज हो रही वेब सीरीज रंगबाज-3 में धनबाद के राकेश ने पर्दे के पीछे अपनी भूमिका निभाई है। राकेश ने बताया कि रंगबाज़ की कहानी मुख्य रूप से बिहार के सिवान और पटना जिले के ऊपर केंद्रित है। सिवान और पटना के जितने भी दृश्य है वो ड्रोन और कैमरा द्वारा  मैंने शूट किया है। 

वेबसीरीज से ऐसे जुड़े राकेश
उन्होंने बताया कि इस वेब सीरीज के तकनीकी पक्ष को संभाल रहे लोगों ने पहले भी मेरा काम देखा था। उन्होंने मुझसे संपर्क किया, जिसके बाद मैंने उन्हें अपना काम दिखाया। मेरे पूर्व के काम को देखने के बाद उन्होंने ये जिम्मेवारी मुझे दी। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के कुछ और फिल्मों के काम उनके पास हैं लेकिन, उसके बारे में प्रोडक्शन हाउस के निर्देश के बाद ही वह खुलासा कर सकते हैं। 

धनबाद के रहने वाले हैं राकेश
राकेश मूल रूप से धनबाद जिले के निचितपुर गांव के रहने वाले हैं। इससे पहले वह झारखंडी लेखक सत्या व्यास के लिखे उपन्यास चौरासी पर आधारित वेब सीरीज ‘ग्रहण’ में भी पर्दे के पीछे यही भूमिका निभा चुके हैं।  माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री हासिल करने के बाद बीते 8 साल से से राकेश फोटोग्राफी, शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री आदि के क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं। रांची में रहकर रांची वाला फिल्म्स नाम से प्रोडक्शन हाउस चलाते हैं। 

रंगबाज-3 की कहानी का प्लॉट
रंगबाज-3 में मुख्य भूमिका विनीत कुमार सिंह, आकांक्षा सिंह, विजय मौर्य, राजेश तैलंग, प्रशांत कुलक़र्नी ने निभाई है। विनीत कुमार सिंह इससे पहले गैंग्स ऑफ वासेपुर में भी अपने अभिनय की छाप छोड़ चुके हैं। लेकिन, 2 सीजन में गैंग्स्टर ड्रामा को केंद्र बिंदू में रखा गया। जबकि इस सीजन में  राजनीति को जोड़ा गया है। कहानी विनीत सिंह के किरदार पर ही केंद्रित है। किरदार का नाम हारुन शाह अली  बैग  उर्फ़ साहेब है। ये बिहार के ग्रामीण इलाक़े से निकल कर बिहार का एक प्रभावशाली व ताकतवर आदमी बनने की कहानी है।